नागालैंड की पहली और इकलौती महिला सांसद रानो शायजा का बुधवार को कोहिमा में निधन हो गया. 1977 में छठी लोकसभा चुनाव में चुनी गई 86 वर्षीय शायजा की दो बेटियां और एक बेटा है.
शायजा का जन्म 1928 में हुआ था. उनके पिता सेवेली इरालू नागा के तीसरे डॉक्टर थे, जबकि मां वितुलाई-ई इरालू नागा सेपरिस्ट मूवमेंट के संस्थापक एजेड फिजो की बड़ी बहिन थी.
रानो शायजा नागा की हाईस्कूल पास करके साइंस स्ट्रीम लेने वाली पहली महिला थीं, वह अध्यापक भी बनीं लेकिन बाद में राजनीति में आ गईं और उन्होंने नागा मदर्स एसोसिऐशन (एनएमए) की स्थापना की जिसने नागालैंड के लिए काम किया.
वह नागा नेशनल काउंसिल की वूमंस फेडरेशन की भी पहली अध्यक्ष रहीं और 1960 में नागा मूवमेंट के दौरान उन्हें 19 महीनों के लिए जेल जाना पड़ा.
रानो शायजा ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) की पहली अध्यक्ष बनीं जहां महिलाओं को राजनीति में बहुत मुश्किल से जगह मिलती थी. उसके बाद वह नागालैंड लोक सभा में चुनी जाने वाली पहली महिला बनीं. सन् 1977 में उन्होंने एतिहासिक चुनाव में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री होकिशी सेमा को हराया था.