राजीव गांधी की हत्या के दोषी मुरुगन और नलिनी की बेटी हरिथ्रा मुरुगन ने राहुल गांधी से अपने माता-पिता की करनी के लिए माफी मांगी है.
आज तक से खास बातचीत में हरिथ्रा ने कहा कि वह राहुल का दर्द समझ सकती हैं. उन्होंने सोनिया को अपने लिए भगवान के बराबर बताया.
हरिथ्रा यूके में रह कर पढ़ाई कर रही हैं. फोन पर हुई बातचीत में हरिथ्रा ने कहा कि अपने माता-पिता की रिहाई की बात से वह बहुत खुश हैं और उन्हें यह सब किसी सपने की तरह लग रहा है. उन्होंने इच्छा जताई कि उनके माता-पिता जल्द से जल्द उनके साथ रहने आ जाएं.
हरिथ्रा ने राहुल से माफी मांगते हुए कहा, 'मैं राहुल गांधी की भावनाएं समझ सकती हूं. किसी के लिए भी पिता के बिना जिंदगी गुजारना कितना मुश्किल होता है, मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता. मैं उनके दर्द को समझ सकती हूं क्योंकि मैंने भी अपने माता-पिता के बिना जिंदगी बिताई है. राहुल के साथ जो कुछ भी हुआ मैं उसके लिए उनसे माफी मांगती हूं.'
हरिथ्रा ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी मेरे लिए भगवान की तरह हैं. सोनिया और प्रियंका ने मेरी मां को माफ कर दिया. प्रियंका मेरी मां से भी मिली थीं. मैं प्रियंका की शुक्रगुजार हूं और मेरे पास उन दोनों का शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं हैं. मैं चाहती हूं कि गांधी परिवार मेरे माता-पिता की जल्द से जल्द रिहाई में मेरी मदद करे.'
हरिथ्रा ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को भी धन्यवाद दिया और कहा कि वह उनका एहसान कभी नहीं भूल सकती. उन्होंने कहा, 'उन्होने मां शब्द को एक नया अर्थ दे दिया है.'
गौरतलब है कि राजीव गांधी हत्याकांड के तीन दोषियों संथन, मुरगन और पेरारिवलन की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. इसके बाद बुधवार को तमिलनाडु सरकार ने 23 साल से जेल में बंद सभी सात दोषियों को तीन दिन में रिहा करने का फैसला कर लिया. इनमें नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन भी शामिल हैं. तमिलनाडु सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए राहुल ने कहा था कि जब प्रधानमंत्री के हत्यारे छोड़े जाएंगे तो आम आदमी को इंसाफ कैसे मिलेगा.
गौरतलब है कि नलिनी श्रीहरन राजीव गांधी की हत्या करने वाले उस पांच सदस्यीय दल की जिंदा बची रहने वाली एकमात्र मेंबर हैं. अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. नलिनी ने जेल में ही हरिथ्रा मुरुगन को जन्म दिया. पहले नलिनी को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन फिर सोनिया गांधी के दखल के बाद सन 2000 में नलिनी की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी गई.