दिल्ली में हो रही जनता दल यूनाइटेड की बैठक में पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव पास हो गया. जनता दल ने पीएम उम्मीदवारी पर बीजेपी को दिसंबर तक की मोहलत दी है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि बीजेपी इस साल के अंत तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार के नाम का ऐलान करे. प्रस्ताव में कहा गया है कि एनडीए की पीएम प्रत्याशी घोषित करने की परंपरा रही है. इसलिए इस बार भी ऐसा ही किया जाए.
इसके अलावा जदयू के राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि पीएम प्रत्याशी धर्मनिरपेक्ष छवि का होना चाहिए.
इससे पहले जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी के बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि समता पार्टी के साथ विलय के बाद पार्टी कमजोर हुई है और आज यह कई चुनौतियों का सामना कर रही है. यादव ने कहा, 'हर जगह और हर वक्त कई चुनौतियां हैं. हम पार्टी को वहां तक नहीं ले जा पाए हैं, जहां इसे पहुंचना चाहिए था.'
नरेंद्र मोदी का नाम न लेते हुए यादव ने कहा कि हम सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हमारा किसी व्यक्ति विशेष से विरोध नहीं है. लेकिन बात सिद्धांतों की है.
शरद यादव ने अपनी ही पार्टी के नेता केसी त्यागी और साबिर अली को नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि मीडिया से बातचीत करने वालों को सावधानी बरतनी चाहिए. विवाद पैदा करने वाले बयानों से बचना चाहिए.
गौरतलब है कि शनिवार को साबिर अली ने बयान दिया था कि अगर बीजेपी मोदी को पीएम के रूप में प्रोजेक्ट करती है तो उनकी पार्टी के साथ गठबंधन टूट जाएगा.
शरद यादव ने कहा, 'कैमरा पर आने का शौक ऐसे-वैसे नहीं हो. मीडिया में कुछ भी बोलने से पहले बात करना चाहिए.'
शरद यादव ने अपनी ही पार्टी के नेताओं से खासे नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि कल कुछ ऐसा कहा गया जो मैंने-नीतीश ने नहीं कहा था. हमारे लिए व्यक्ति नहीं, सिद्धांत अहम हैं.