देश की 17वीं लोकसभा के प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों का गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित है. इससे पहले सूचना के अधिकार (RTI) के जवाब में एक बड़ा खुलासा हुआ है कि पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने वाले मेहमानों के नाम टॉप सीक्रेट होते हैं. साथ ही शपथ ग्रहण समारोह पर खर्च के लिए अलग से कोई खाता नहीं होता है.
वहीं, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रवीश कुमार ने 27 मई 2019 को ट्विटर पर लिखा- "प्रधानमंत्री @narendramodi के शपथ ग्रहण समारोह के लिए #BIMSTEC के सदस्य देशों के नेताओं, #SCO के मौजूदा अध्यक्ष किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति, इस साल प्रवासी भारतीय दिवस पर मुख्य अतिथि रहे मॉरिशस के प्रधानमंत्री को न्योता भेजा गया है." ट्वीट के साथ MEA के एक पेज का लिंक भी दिया गया है-
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) May 27, 2019
रवीश कुमार ने बाद में कुछ विदेशी हस्तियों के फोटोग्राफ भी ट्वीट किए जैसे कि- बांग्लादेश के राष्ट्रपति मो. अब्दुल हामिद, मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोटे शेरिंग और थाईलैंड के विशेष दूत और मंत्री ग्रिसाडा बूनराच. लेकिन आधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से ये जानकारी आरटीआई एक्ट के तहत नहीं दी जा सकती. ये सुनने में आपको अजीब लगे लेकिन नौकरशाही इसी तरह काम करती है.
इंडिया टुडे ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी कि कितने देशों के प्रमुखों को 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था. आरटीआई याचिका में विदेशी हस्तियों के नामों के साथ उनकी मेज़बानी पर हुए खर्च का ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था. पीएमओ ने इस आरटीआई याचिका को राष्ट्रपति सचिवालय भेज दिया.
राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से मिले जवाब में कहा गया है- "08 सरकारों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था. मेहमानों के नाम आरटीआई एक्ट, 2005 के सेक्शन 8 (1) (j) के प्रावधान के तहत उपलब्ध नहीं कराए जा सकते."
हैरानी की बात है कि 21 मई, 2014 को राष्ट्रपति के आधिकारिक प्रवक्ता ने मीडिया को सूचित किया था कि SAARC सदस्य देशों के नेताओं को भारत के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भेजा गया है. भारत में तमाम न्यूज़ प्लेटफॉर्म ने उस समारोह को कवर किया था और SAARC के विभिन्न नेताओं की तस्वीरें दिखाई थीं जिन्होंने वो न्योता स्वीकार किया था.
Narendra Modi takes charge of PMO, meets SAARC leaders
आरटीआई याचिका में हमने प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह पर आए खर्च की जानकारी देने के लिए भी कहा था. राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से इस पर अपने जवाब में कहा गया- “विशिष्ट समारोह के लिए अलग से अकाउंट नहीं रखा जाता. खर्च को हाउसहोल्ड सेक्शन के तहत सालाना बजट से लिया जाता है. हालांकि आपकी आरटीआई अर्जी पहले ही 07.01.2009 को प्रेसिडेंट एस्टेट डिविजन और प्रेसिडेंट एस्टेट इलेक्ट्रिक डिविजन को ट्रांसफर की जा चुकी है.”
इंडिया टुडे ने दिल्ली के बाहर से आने वाले भारतीय मेहमानों की संख्या और नाम बताने के लिए भी आरटीआई में आग्रह किया था. साथ ही उनकी मेजबान पर हुए खर्च का ब्योरा देने के लिए भी कहा था. इसका राष्ट्रपति सचिवालय ने संक्षिप्त जवाब दिया- "ऐसे कोई रिकॉर्ड्स उपलब्ध नहीं हैं."