प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधार कार्ड के जन्मदाता नंदन नीलेकणि के बेहद इम्प्रेस हुए हैं. बताया जाता है कि जुलाई के पहले हफ्ते में नंदन नीलेकणि की मोदी से मुलाकात हुई थी. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है. उसके बाद ही मोदी ने आधार कार्ड में ज्यादा से ज्यादा लोगों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा.
इसके पहले कहा जा रहा था कि नई सरकार आधार कार्ड की योजना यूआईडीएआई पर ज्यादा ध्यान नहीं देगी, लेकिन न केवल प्रधानमंत्री बल्कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इसके महत्व को समझा और आधार नंबरों को चलाने तथा इसके जरिये ही जरूरतमंदों को सीधे पैसा भेजने की योजना को जारी रखने पर जोर दिया.
नीलेकणि को 2009 में इस महत्वपूर्ण योजना की कमान दी गई थी. उनके नेतृत्व में इस योजना पर काफी काम हुआ और करोड़ों लोगों के आधार कार्ड बने. बताया जाता है कि नीलेकणि दिल्ली में अपना सरकारी बंगला खाली करने आए थे और इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा था. उनकी मीटिंग के बाद ही उनकी परियोजना को पहले से ज्यादा धन मिला.
पहले उन्हें 1,550 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन अब यह राशि बढ़कर 2,039 करोड़ रुपये हो गई है. इस परियोजना में बीजेपी के कई नेताओं की भी रुचि नहीं थी और वे इसे बहुत तव्वजो देने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन पीएम की मीटिंग के बाद अब हालात बदल गए हैं. अब सरकार फिर से इसे महत्व देने जा रही है. इसके लिए इसकी व्यवस्था में बदलाव करके इसे चुस्त-दुरुस्त बनाया जाएगा.
बताया जाता है कि नीलेकणि ने पीएम को यह समझाया कि अगर ठीक ढंग से आधार कार्ड योजना को लागू किया जाए तो इससे सरकार सब्सिडी में दी जाने वाली राशि से 50,000 करोड़ रुपये बचा सकती है. नीलेकणि और मोदी की मीटिंग के बाद अब यह तय है कि आने वाले समय में आधार का ज्यादा उपयोग होगा और इसे कई महत्वपूर्ण योजनाओं से जोडा़ जाएगा.