भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के जनक समझे जाने वाले एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि 1998 में परमाणु परीक्षण करने से पहले ‘जासूसों’ का ध्यान बांटने के लिए भारत ने कई मिसाइलों, रॉकेटों और बमों का परीक्षण किया था.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि 1998 की गर्मियों में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण से दो दिन पहले ‘जासूसों का ध्यान बांटने के लिए’ यह सुनियोजित उपाय किए गए थे.
रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) द्वारा दिल्ली में आयोजित सातवें आरएन काव स्मृति व्याख्यान में कलाम ने परमाणु परीक्षण से पहले के बैचेनी भरे दिनों को याद करते हुए कहा कि डीआरडीओ और उनके दल ने पूरी गोपनीयता के साथ परीक्षण को सफल बनाने के लिए देर-देर तक काम किया.