गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह अमेरिका और कनाडा में बसे भारतीयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की. मोदी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भष्ट्राचार का ऐसा रूप शायद ही किसी देश को देखने मिले. उन्होंने इस दौरान सरबजीत सिंह, चीन के भारत में घुसपैठ करने और अपने विकास मॉडल पर चर्चा की.
नरेंद्र मोदी ने चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के मामले पर सवाल किया कि भारतीय सेना अपने ही क्षेत्र से पीछे क्यों हटी? जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था. उन्होंने इस मसले पर कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार को जवाब देना चाहिए.
पाकिस्तानी जेल में हमले में मारे गए सरबजीत सिंह के बारे में मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘मेरे देश के बेटे की दूसरे देश में हत्या हुई है.’
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अमेरिका और कनाडा में बसे भारतीयों को संबोधित करते हुए भी नरेंद्र मोदी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करना नहीं भूले. उन्होंने इशारों ही इशारों में नीतीश पर हमला बोला. मोदी ने कहा कि गुजरात में नदी न होते हुए भी हमने कृषि में विकास करके दिखाया है.
इस संबोधन के दौरान मोदी ने कहा कि आज देश में सब से बडा संकट है आपसी भरोसे के अभाव का है. आज किसी को किसी पर भरोसा नही है. आज जरूरी है कि लोगों को सरकार की नीति और नीयत पर भरोसा हो. समाज में नेता पर भरोसा हो. उच्च पद पर बैठे कुछ लोगों के आचरण ने आम लोगों को भरोसा दिया है.
अपने भाषण में मोदी ने गुजरात के विकास का जमकर बखान किया और जताया कि उनका विकास मॉडल ही सबसे बेहतर है. गुजरात के मुख्यमंत्री ने नारी शक्ति को सबसे महान बताया. उन्होंने कहा कि बिना नारी के विकास की कल्पना नहीं हो सकती.
मोदी ने अपने भाषण में दिल्ली में मासूम से रेप और सीमा पर जवानों के सिर काटे जाने का मुद्दा भी उठाया.
नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार हमारे सिपाही का सिर काटने वालों को चिकन बिरयानी की दावत देती है.
गंगा को लेकर चिंतित मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत में हम लोग गंगा नदी को लेकर चिंतित हैं. गंगा को जब तक हम माता मानते रहे, वह पवित्र रही, लेकिन दुनिया ने हमें इस जीवनदायिनी को मां न मानकर पानी का एक स्रोत मानने को कहा, जिसका नुकसान हमें उठाना पड़ा.'
मोदी के भाषण की अन्य बातें-
-गुजराती आज एक वैश्विक कम्युनिटी है.
-गुजराती जहां भी गए, वहां अपनी संस्कृति की छाप छोड़ी.
-सही मायनों में तो आप (विदेशों में भारतीय) ही हमारे सांस्कृतिक दूत हैं. इससे हमें शक्ति मिलती है.
-सुनने में आया है कि तीन गुजरातियों को एलिस अवॉर्ड मिला है. मैं उन्हें बधाई देता हूं.
-हमने गुजरात में 24 घंटे की बिजली मुहैया करा के एक बड़ा बदलाव लाया है.
-दुनियाभर के लोग भारत से बहुत अपेक्षाएं रखते हैं और विश्व समुदाय हमारी ओर देख रहा है. भले ही कोई भी घटना हो या भारत से जुड़ी कोई भी बात. दुनिया जानना चाहती हैं कि यह क्यों हुआ.
-विकास सम्रग होना चाहिए.