पठानकोट, पुलवामा और संसद पर हमले के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर के दिन अब लदने वाले हैं. पुलवामा हमले के बाद भारत की वायुसेना सेना ने बालाकोट में स्थित जैश के ठिकानों को तबाह कर दिया, इसके बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन जारी है. और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुली चेतावनी दे दी है कि जो भी भारत में आतंकवाद फैलाएंगे, हम उसे घर में घुसकर मारेंगे.
प्रधानमंत्री ने क्या कहा...
सोमवार को अहमदाबाद में जब प्रधानमंत्री अपनों के सामने भाषण दे रहे थे, तो वह पुराने अंदाज में दिखे. और आक्रामकता भरे लहजे में आतंकियों को खुली चेतावनी दे दी. PM मोदी ने कहा 'ये नया भारत है, आतंक के सामने कभी नहीं झुकेगा, चुन-चुन कर बदला लेगा और जरूरत पड़ी तो दुश्मन के घर जाकर भी हिसाब चुकता करेगा. 40 साल से आतंकवाद हिंदुस्तान के सीने में गोलियां दाग रहा है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में डूबे लोग कदम उठाने से डरते थे.'
यहां सुनें प्रधानमंत्री का वो भाषण...
यह नया भारत है।
आतंक के सामने कभी नहीं झुकेगा, चुन-चुन कर बदला लेगा और जरूरत पड़ी तो दुश्मन के घर जाकर भी हिसाब चुकता करेगा। pic.twitter.com/JvI3xsPIMw
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2019
क्यों इतना जरूरी है मसूद अजहर...
आपको बता दें कि मसूद अजहर भारत के नंबर एक दुश्मनों में से एक है. सिर्फ पुलवामा आतंकी हमला ही नहीं इससे पहले भी कई ऐसे आतंकी हमले जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में किए हैं. रोजाना कश्मीर में भी जैश आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ होती रहती है. पढ़ें कितना बड़ा पापी है मसूद अजहर
- जब हमारी संसद पर आतंकवादी हमला हुआ तो इसके पीछे था मौलाना मसूद अजहर
- जब पठानकोट में सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ तो इसके पीछे भी था मौलाना मसूद अजहर
- जब उरी में सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ तो इसके पीछे भी था मौलाना मसूद अजहर
- पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जांबाजों पर हुए आतंकी हमले और उनकी शहादत के पीछे भी था मौलाना मसूद अजहर
तो फिर ऐसे आतंकवादी को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी क्यों नहीं माना जाना चाहिए. भारत बीते 10 वर्षों से ये सवाल पाकिस्तान पर दागता रहा है और पाकिस्तान मसूज अजहर की हिफाजत में अपना दीन-ईमान और पड़ोसी देश के धर्म तक को भूलता रहा है.
UNSC में भी घिरेगा मसूद अजहर
भारत ने 2009 में मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव डाला था. लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 सैंक्शन कमेटी में चीन ने अपना वीटो पावर लगाकर इसको रुकवा दिया.
बाद में 2016 और 2017 में भी भारत ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया लेकिन चीन ने अपने वीटो की कुंडी हमेशा लगा दी. जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चार दूसरे वीटो पावर वाले देश यानी अमेरिका, रुस, फ्रांस और ब्रिटेन भारत के पक्ष में रहे. बदले हालात में अगर पाकिस्तान मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी मानने में बाधा नहीं डालता है तो चीन भी अपने वीटो पावर से पीछे हट सकता है.
काफी पुराना है मसूद का इतिहास
पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को बचाने में सारी ताकत झोंक दी थी. लेकिन एक तो हिंदुस्तान इस बार आर-पार की मुद्रा में है और उसपर से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भी मसूद अजहर को बख्शने के मूड में नहीं है. तो फिर पाकिस्तान ने भी अपने तेवर ढीले कर लिए.
करीब 20 साल पहले जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी सरगना मसूद अजहर का नाम चर्चा में तब आया जब कंधार विमान अपहरण मामले में 160 लोगों की जान बचाने के लिए भारत ने मसूद समेत तीन आतंकवादियों को रिहा किया था. लेकिन उसकी कीमत बहुत भारी पड़ी. मसूद ने भारत में एक के बाद एक कई आतंकी हमले किए.