वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी विधेयक का विरोध होने पर जहां मुख्य रूप से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार माना है, वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि असल में खुद बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके खिलाफ हैं.
रमेश ने यह दावा करते हुए बीजेपी नेताओं से कहा है कि वह झूठ फैलाने से बाज आएं. उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि बीजेपी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह जीएसटी नहीं चाहते हैं, लेकिन वह इसका दोष कांग्रेस पर डाल रहे हैं.' केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने भी शुक्रवार को कांग्रेस पर जीएसटी विधेयक को रोकने का आरोप लगाया था.
जयराम रमेश ने दावा किया कि जीएसटी विधेयक इसलिए पारित नहीं हो पा रहा है कि मोदी इसके पक्ष में नहीं है. गुजरात में बीजेपी की सरकार ने भी इसका विरोध किया था. रमेश ने भुवनेश्वर में मीडिया से कहा, 'कांग्रेस से पूरी तरह स्पष्ट कर चुकी है कि वह जीएसटी विधेयक के खिलाफ नहीं है. हम इसे जितनी जल्दी हो सके पारित करवाना चाहते हैं. यूपीए सरकार के समय ही इसे संसद में पेश किया गया था.'
ड्रामा कर रही है बीजेपी
विधेयक को पारित कराने के लिये केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात सहित केंद्र सरकार द्वारा विधेयक को पारित कराने के तमाम प्रयासों को जयराम रमेश ने ढकोसला और ड्रामा करार दिया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक को बेहतर और सरल कर बनाने के लिए कांग्रेस इसमें केवल तीन बदलाव चाहती है. इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा न कि उद्योगों को.
'यह एक कर वाला विधेयक है'
रमेश ने मौजूदा जीएसटी विधेयक को न तो अच्छा विधेयक बताया और न ही सरल बल्कि केवल एक कर वाला विधेयक बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसमें 18 फीसदी कर सीमा की मांग कर रही है. इसके अलावा एक फीसदी अतिरिक्त कर को हटाने और राज्यों के बीच या फिर राज्य और केन्द्र के बीच विवाद के निपटारे के लिए एक न्यायायिक संस्था बनाने की मांग कर रही है.
उन्होंने कहा कि जैसे ही इन तीनों मांगों पर सहमति बनती है और इस बारे में जरूरी सुधार कर लिए जाते हैं, कांग्रेस चाहेगी कि जीएसटी विधेयक को जितनी जल्दी संभव हो पारित कर लिया जाए. उन्होंने कहा, 'सरकार ने कांग्रेस के इन प्रस्तावों पर अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं दिया है.