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मोदी-मुलायम की रैलियां आज, बीजेपी-सपा में जुबानी जंग

बीजेपी के पीएम उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव आज यूपी के पूर्वांचल में एक साथ चुनावी ताल ठोकेंगे. मोदी की गोरखपुर में तो मुलायम की वाराणसी में रैली है. दोनों पार्टियां अपनी अपनी रैलियों में दस लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाने के दावे कर रही हैं.

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समजावादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने आज वाराणसी में चुनावी ताल ठोंकते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों को आड़े हाथों लिया. उन्‍होंने कहा कि जहां कांग्रेस ने भ्रष्‍टाचार के सिवाए कुछ नहीं किया, वहीं बीजेपी के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी के हाथ खून से रंगे हुए हैं.

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इन रैलियों से पहले ही बीजेपी और सपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई. सपा ने कहा कि बीजेपी की रैली में पेड वर्कर यानी किराए के लोग आते हैं. वहीं, बीजेपी ने कहा कि सपा की रैली में पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम और डीएम आते हैं. दोनों पार्टियों ने अपनी-अपनी रैलियों में बड़ी भीड़ जुटाने का दावा किया.

सपा के प्रवक्‍ता और प्रदेश सरकार में मंत्री राजेन्द्र चौधरी कहा कि मोदी की रैली में आरएसएस के कार्यकर्ता और पेड वर्कर आते हैं. जबकि, सपा की रैली में गरीब लोग, किसान और मुसलमान आते हैं, आम जनता और महिलाएं आती हैं. चौधरी ने कहा, 'आरएसएस की रैली में न मुसलमान जाता है, न ही किसान जाता है. उनकी रैली में उनके संगठन के ही लोग होते हैं. हमारी रैली हमेशा बड़ी होती है.'

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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आरोप लगाया कि सपा की रैली में सरकारी अमला जुटता है. उन्होंने कहा कि सपा जानबूझकर पिछली तीन रैलियों से उसी दिन रैली कर रहे हैं जिस दिन बीजेपी की रैली होती है. इससे साफ है कि सपा के नेताओं के मन में मोदी का डर बैठा हुआ है. वाजपेयी ने दावा किया कि मुलायम की रैली में मोदी की रैली की तुलना में आधी भी भीड़ नहीं होगी.

गौरतलब है कि यह तीसरी बार होगा जब मुलायम की रैली मोदी की रैली के साथ हो रही है. इसके पहले 21 नवंबर को मोदी की रैली आगरा में थी तब समाजवादी पार्टी की रैली बरेली में थी. उसके बाद 23 दिसंबर को मोदी की रैली बनारस में थी तब समाजवादी पार्टी ने बदायूं में जनसभा का कार्यक्रम किया था. यूपी सरकार में राज्यमंत्री और मुलायम की वाराणसी रैली के सहप्रभारी राम आसरे विश्वकर्मा का कहना है कि सपा का इतिहास रहा है कि पार्टी दूसरों की रैली का संज्ञान नहीं लेती. सपा की रैलियों में जुटने वाली भीड़ का रिकॉर्ड खुद सपा नेताओं की रैली ने ही तोड़ा है.

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