भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले विदेश दौरे पर भूटान पहुंच गए हैं. पारो हवाई अड्डे पर मेजबान प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने उनका स्वागत किया गया. यहां दोनों देशों के राष्ट्रगान की धुन बजाई गई.
दो दिन के इस दौरे को कूटनीति के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी भूटान पहुंचे हैं. मोदी को कोशिश रहेगी कि भूटान के साथ भारत के साहौर्दपूर्ण रिश्तों को विकास और मजबूती से जोड़ा जाए.
भूटान के साथ रिश्तों को पहली पसंद बताने से वहां की जनता भी बेहद खुश है. वहां लोग इस बात से भी खासे उत्साहित हैं कि मोदी ने जापान, चीन ,जर्मनी जैसे देशों को छोड़कर भूटान को प्राथमिकता पर रखा. 54 साल पहले 1958 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नहरू के भूटान दौरे ने एक नई इबारत लिखी थी और अब बार फिर मौजूदा प्रधानमंत्री के फैसले ने भारत और भूटान के नई कहानी की दस्तक दी है.
मोदी के भाषण पर नहीं बजेगी ताली
एक दिलचस्प तथ्य यह है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल को यहां मोदी के भाषण या स्वागत के दौरान
ताली बजाने से मना किया गया है, क्योंकि भूटान में बुरी आत्माओं को डराने और भगाने के लिए
ताली बजाने की परंपरा है.
मोदी के भूटान पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री शेरिंग ने कहा, 'भारत हमारी विदेश नीति की आधार शिला
है. उत्तर में चीन से हमारी सीमा मिलती है. बतौर पड़ोसी हमारा उनसे रिश्ता है, लेकिन इसके
अलावा हमारे चीन से कूटनीतिक रिश्ते नहीं है.'
दौरे से पहले नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'भूटान और भारत बेहद खास रिश्ते के साझीदार हैं जो हर हालात में उतना ही मजबूत बना रहा. इसलिए मेरी विदेश यात्रा के लिए स्वभाविक तौर पर भूटान पहली पसंद था.'
प्रधानमंत्री का दो दिवसीय कार्यक्रम
- सबसे पहले मोदी भूटान के राजा जिगमे खेसर नामगेल वांगचुक से मुलाकात करेंगे.
- इसके बाद वह प्रधानमंत्री सेरिंग तोबगे से आपसी रिश्तों पर गहन चर्चा करेंगे.
- भूटान पर 34 साल राज करने वाले राजा जिगमे सिंगे वांगचुक ताज ताशी होटल मोदी से मिलने
आएंगे.
- मोदी के सम्मान में भूटान पीएम ने रात को ताज ताशी होटल में दावत रखी है.
- सोमवार को मोदी भूटान की राष्ट्रीय असेंबली और भूटान की राष्ट्रीय परिषद की संयुक्त बैठक को
संबोधित करेंगे.
-खोलोंगचू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे
बिजली प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे PM
भारत और भूटान के बीच हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को लेकर दशकों पहले से काम चल रहा है. प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर खोलोंगचू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. इस हाइड्रोपावर
प्रोजेक्ट से 600 मेगावाट की बिजली पैदा होगी. दौरे के दौरान कई और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट लगाने पर
बात हो सकती है. वहां के युवाओं को भारत से जोड़ने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में समझौते किए जाएंगे.
दोनों देशों के बीच उद्योग और निवेश बढ़ाने पर भी बातचीत की जाएगी. इसके अलावा आर्थिक
सहयोग पर भी बात होगी.
गौरतलब है कि भारत भूटान की हमेशा मदद करता रहा है. 2013 से 2018 तक भूटान की 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भारत ने 4500 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद का वादा किया है. हाइड्रो पावर, शिक्षा, सूचना तकनीक, स्वास्थ्य, कृषि, और इनफ्रास्ट्रकचर से जुड़े क्षेत्रों में पहले से ही भूटान में भारत का योगदान रहा है. भारत और चीन के बीच स्थित होने के नाते भारत के लिए भूटान से नजदीकी काफी अहम है.