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डोकलाम पर मोदी ने राहुल को घेरा, कहा- चीनी दूत से मिलने वाले भरोसे के काबिल नहीं

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, '' जिस व्यक्ति के पिता, दादी और नाना प्रधानमंत्री रहे हों. खुद भी वह 15 साल से संसद का सदस्य रहा हो, उन्हें डोकलाम विवाद पर देश के स्टैंड पर ही सवाल उठा दिए''.

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मोदी का राहुल पर वार
मोदी का राहुल पर वार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में रैली को संबोधित किया. पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रहे. मोदी ने डोकलाम विवाद पर राहुल के चीनी राजदूत से मिलने को मुद्दा बनाया और उन्हें घेरा.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, '' जिस व्यक्ति के पिता, दादी और नाना प्रधानमंत्री रहे हों. खुद भी वह 15 साल से संसद का सदस्य रहा हो, उन्हें डोकलाम विवाद पर देश के स्टैंड पर ही सवाल उठा दिए''.

मोदी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार, विदेश मंत्रालय या सेना से कोई बात किए बगैर वो चीनी राजदूत से मामला जानने पहुंच गए. पीएम ने कहा कि जिस व्यक्ति को देश की सरकार, जवान पर भरोसा नहीं है उस पर देश को भरोसा नहीं करना चाहिए.

आपको बता दें कि जिस दौरान डोकलाम विवाद चरम पर था, तभी 8 जुलाई को राहुल गांधी के चीनी राजदूत से मिलने की खबर थी. शुरुआत में कांग्रेस ने इस मुलाकात से इनकार किया था, लेकिन बाद में तस्वीर सामने आई थी.

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सुषमा ने भी किया था वार 

डोकलाम विवाद के दौरान राज्यसभा में जब इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी तब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी राहुल गांधी को घेरा था. उन्होंने कहा था कि विपक्ष के नेता उनके राजदूत से क्यों मिले. उन्होंने कहा कि विपक्ष को पहले भारत का दृष्टिकोण समझना चाहिए था. उसके बाद चीन के राजदूत को बुलाकर कहना चाहिए था कि हमारा ये पक्ष है. मगर, विपक्ष के नेता ने चीन के राजदूत से उनका पक्ष सुना.

क्या था डोकलाम विवाद?

गौरतलब है कि सिक्किम सीमा सेक्टर के पास डोकलाम में भारत और चीनी सेना करीब 73 दिन तक आमने-सामने थीं.यह गतिरोध तब शुरू हुआ था जब इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया. हालांकि, पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले इस विवाद को सुलझा लिया गया था.

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