गीतकार और राज्यसभा सदस्य जावेद अख्तर ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी बेहतर प्रधानमंत्री नहीं हो सकते, क्योंकि उनका लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन नहीं है.
जावेद अख्तर ने पटना में एक समारोह से इतर पत्रकारों से कहा कि साल 2002 के गुजरात दंगे में मोदी के शामिल होने के मामले की सुनवाई अभी अदालत में चल रही है.
मोदी की तरक्की को बताया चुनौती
उन्होंने कहा, 'गुजरात में नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने की चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन वह अपने प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों का आदर नहीं करते. मोदी की तरक्की लोकतंत्र के लिए चुनौती है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि वह अपने मंत्रियों के साथ चपरासी की तरह व्यवहार करते हैं और इस मानसिकता के साथ वह कैसे देश चला सकते हैं.
नीतीश की पर फिदा हुए
जावेद ने बीजेपी से रिश्ता तोड़ने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि इस प्रदेश में आए सकारात्मक विकास को देखते हुए यहां की जनता और भी बदलाव चाह रही है.
जावेद अख्तर यहां राज्यसभा सदस्य एनके सिंह की बेटी द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार की फिल्म 'आन' देखने के बाद उनकी भी इच्छा एक्टर बनने की थी.
'घास काटना वाला ही बनना, पर बेस्ट बनना'
जावेद ने बताया कि एक दोस्त के पिता ने उनसे उनके भविष्य की योजना के बारे में पूछा तो उन्होंने दस किरदारों की चर्चा की जिनके जैसा वह बनना चाहते थे.
जावेद ने कहा, 'दोस्त के पिता ने कहा कि तुम चाहे घास काटने वाला बनो, पर ऐसे बनो कि अगर राष्ट्रपति भवन को किसी प्रशिक्षित घास काटने वाले की जरूरत हो तो वह तुम्हारी जरूरत महसूस करे.' उन्होंने महिलाओं के सही मायने में सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को आदर के बिना कोई अधिकार देना उनके साथ छल होगा.