गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी की लॉन्चिंग के ऐतिहासिक मौके पर संसद के केंद्रीय कक्ष में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने गीता का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज जीएसटी काउंसिल की 18वीं बैठक हुई. गीता के भी 18 अध्याय थे और जीएसटी काउंसिल की भी इसके लागू होने से पहले 18 बैठकें हुईं.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में चाणक्य का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि चाणक्य ने कहा था कि कोई वस्तु कितनी भी दूर क्यों न हो, उसका मिलना कितना भी मुश्किल क्यों न हो, लेकिन कड़ी तपस्या और परिश्रम से उसे भी पाया जा सकता है. जीएसटी ने इसे साबित किया है.
पीएम मोदी ने जीएसटी की तुलना आजादी के बाद रियासतों के एकीकरण से करते हुए कहा कि हम कल्पना करें देश आजाद हुआ, 500 रियासतें थीं. अगर सरदार पटेल ने सबको मिलाकर एक न किया होता तो देश का मानचित्र कैसा होता? जिस प्रकार से पटेल ने एकीकरण का काम किया था, उसी तरह आज जीएसटी के द्वारा आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण काम हो रहा है.
मोदी ने अपने भाषण में अल्बर्ट आइंस्टीन का भी जिक्र किया और कहा कि आइंस्टीन ने कहा था कि दुनिया में कोई चीज समझना सबसे ज्यादा मुश्किल है वो है इनकम टैक्स. हमारे देश में जितने टैक्स अब तक चल रहे हैं, मैं सोच रहा हूं कि वो इतना टैक्स देखकर क्या कहते?