महंगाई पर काबू पाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 4 मंत्रियों के साथ बैठक की है. सूखे की आशंका के बीच कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री को अपने प्लान की जानकारी दी. मंत्रालय ने 500 जिलों के लिए आपात प्लान तैयार किया है. मंत्रियों के साथ बैठक को मोदी ने कामयाब बताया है. मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'लैब टू लैंड आइडिया से किसानों का फायदा होगा'.
प्रधानमंत्री की अगुवाई में शुक्रवार शाम एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक में संभावित कमजोर मानसून से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निबटने के सिलसिले में 500 जिलों के लिए एक आकस्मिक योजना पर चर्चा हुई. कमजोर मानसून से दामों पर पड़ने वाले असर को लेकर उत्पन्न चिंता के बीच प्रधानमंत्री के निवास पर यह बैठक हुई जिसमें चार कैबिनेट मंत्रियों- कृषि, खाद्य, उर्वरक और जल संसाधन तथा तीन राज्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
मोदी ने कृषि, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, जैविक कृषि, उर्वरकों और रसायनों तथा पशुपालन से जुड़े मुद्दों की विस्तार से समीक्षा की. प्रधानमंत्री को विभिन्न विभागों के सचिवों ने इन क्षेत्रों की योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने विशेषकर किसानों के संकट कम करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने पर बल दिया.
500 जिलों के लिए इमरजेंसी प्लान
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'कमजोर मानसून की संभावना के मद्देनजर कृषि मंत्रालय ने 500 जिलों के लिए आकस्मिक योजना पेश की.' कृषि सचिव आशीष बहुगुणा ने मानसून समेत इस क्षेत्र के अहम मुद्दों पर प्रेजेंटेशन रखा.
यह बैठक विभिन्न मंत्रालयों की एक के बाद एक समीक्षा करने की सीरीज के तहत हुई थी जिसका प्रधानमंत्री पहले ही सचिवों के साथ अपनी बैठक में इसका उल्लेख कर चुके थे. उसमें केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, उमा भारती, राम विलास पासवान और राधा मोहन सिंह ने हिस्सा लिया.
मोदी ने किया ट्वीट
मोदी ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा, कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जैविक कृषि, मृदा स्वास्थ्य तथा कृषि से जुड़े अन्य मुद्दों पर मंत्रियों और अधिकारियों के साथ सार्थक चर्चा हुई. उन्होंने लिखा, प्रयोगशाला (लेबोरेटरी) से जमीन (लैंड) तक पहल कैसे कृषि को मजबूत कर सकती है और हमारे किसानों की मदद कर सकती है, जैसे अभिनवकारी विचारों पर हमने चर्चा की.'
चूंकि ज्यादातर चर्चा कृषि और मानसून पर केंद्रित रही इसलिए डेयरी एवं पशुपालन, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, उर्वरक तथा जल संसाधन विभागों के प्रजेंटेंशन नहीं रखे जा सके. सूत्रों ने बताया कि कमजोर मानसून के असर को कम से कम करने के लिए सरकार की तैयारी से मोदी को अवगत कराया गया.
उन्हें यह भी बताया गया कि फिर से बुआई के लिए बीज खरीदने तथा फसलों को बचाने के लिए सिंचाई के वास्ते डीजल खरीदने के लिए सब्सिडी देने जैसे राहत उपायों पर विचार किया जा रहा है. भारतीय मौसम विभाग ने इस सप्ताह के शुरुआत में अपने अनुमान में कहा था जून-सितंबर के दौरान 93 फीसदी बारिश होगी. पहले 95 फीसदी से कम का अनुमान व्यक्त किया गया था.