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#feku मोदी पर मनीष तिवारी ने ली चुटकी

केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सोशल नेटवर्किंग में ‘feku’ कहे जाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को अपनी सूची में ‘वर्ष का feku’ पुरस्कार शामिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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मनीष तिवारी
मनीष तिवारी

लगता है सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर इस्‍तेमाल किए जाने वाले प्रतीकात्‍मक शब्‍द राजनेताओं को रास आने लगे हैं. तभी तो नेता अब अपनी प्रतिक्रियाओं में इनका इस्‍तेमाल करने लगे हैं.

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केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सोशल नेटवर्किंग में ‘feku’ कहे जाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को अपनी सूची में ‘वर्ष का feku’ पुरस्कार शामिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर किये गये कुछ ट्वीट में गुजरात के विकास का श्रेय लेने और डींग मारने के कारण मोदी को #feku की संज्ञा दी गयी थी.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री तिवारी ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के सिनेमा आधारित 24वें विशेष संस्करण का लोकार्पण करने के बाद एक संगोष्ठी में यह टिप्पणी की. उन्होंने सिनेमेटोग्राफी कानून में प्रस्तावित बदलाव तथा भारत में विदेशी फिल्मकारों को शूटिंग की इजाज़त देने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था करने जैसे यूपीए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा, ‘लेकिन जिस तरह की देश में बातें चल रही हैं. दावे-दर-दावे. आप जानते हैं किस तरह विकास के दावे, सशक्तिकरण के दावे पेश किये जा रहे हैं.’ तिवारी ने कहा, ‘मैंने उस अभिव्यक्ति का इस्तेमाल नहीं करना चाहता लेकिन पंजाबी में उससे मिलती जुलती अभिव्यक्ति है ‘शेखी मास्टर.’ मैं #feku शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में आपको ‘वर्ष का feku पुरस्कार’ नामक एक अन्य पुरस्कार शामिल नहीं करना पड़ेगा.’

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बाद में जब मीडियाकर्मियों ने उनके भाषण में इस्तेमाल किये गये शब्द ‘feku’ के बारे में पूछा तो तिवारी ने कहा, ‘स्वर्णिम शब्द बार-बार नहीं दोहराये जाते. आप सब राजनीतिक विश्लेषक हैं. आप रोज राजनीतिक विश्लेषण करते हैं. हाल की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए और मैंने जो कुछ कहा, आप अपना निष्कर्ष स्वयं निकाल लीजिये.’

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस राहुल गांधी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कब घोषित करेगी, तिवारी ने कहा, ‘आपका काम खबर देना और हमारा काम राजनीतिक रणनीति तैयार करना है. लेकिन हर खबर पर प्रतिक्रिया करना या हर खबर की पुष्टि करना हमारा काम नहीं है.’ उन्होंने कहा कि राहुल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही इस मुद्दे पर पार्टी का रुख साफ कर चुके हैं.

मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करने से अल्पसंख्यकों के वोटों का कांग्रेस के पक्ष में धुव्रीकरण होने की बीजेपी की आंतरिक रिपोर्ट के बारे में पूछने पर तिवारी ने कहा कि कांग्रेस का विपक्षी दल के अंदरूनी मतभेद से कोई लेनादेना नहीं है.

तिवारी ने कहा, ‘इस मुद्दे पर राहुल स्वयं, प्रधानमंत्री और पार्टी ने अपने विचार व्यक्त कर दिये हैं. लिहाजा जोड़ने या घटाने के लिए अब और कुछ नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें बीजेपी की अदंरूनी बहस, मतभेद, संघर्ष से कोई लेनादेना नहीं है. इस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री पद के लिए जारी दौड़ को लेकर बीजेपी का मजाक बनाया जा रहा है.’

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केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब उनके खुद के मुख्यमंत्री ऐसा सोच रहे हों तो हमारे लिए कहने को कुछ भी नहीं रह जाता.’ पिछले साल सरकार द्वारा काले धन के बारे में लाये गये श्वेत पत्र के बाद की गयी कार्रवाई के बारे में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा अपने ब्लाग में उठाये गये प्रश्न के बारे में तिवारी ने कहा कि सवालों का जरूरत पड़ने पर संबद्ध मंत्रालय की ओर से जवाब दिया जायेगा.

उन्होंने कहा, ‘आडवाणी जी संसद में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाये थे. उनके बाद इस मुद्दे पर बोलने के लिए कांग्रेस की ओर से मुझे जिम्मेदारी दी गयी थी तथा सरकार ने सदन के पटल पर सभी तथ्य रख दिये थे. उसके बाद यदि आडवाणी जी और विपक्ष के पास कोई सवाल है तो उसका जवाब जरूरत पड़ने पर संबधित मंत्रालय द्वारा दिया जायेगा.’

राजनीति में राहुल गांधी के रिकार्ड के बारे में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा एक टीवी साक्षात्कार में की गयी टिप्पणी पर तिवारी ने सिंह को सलाह दी कि वह अपनी पार्टी के मामलों पर ध्यान दें.

उन्होंने कहा, ‘मैंने जब अंतिम बार सुना तो राजनाथ सिंहजी बीजेपी के अध्यक्ष थे. लिहाजा यदि वह अपनी खुद की पार्टी के मामलों पर ध्यान देंगे तो उनका भला होगा. उनकी पार्टी में अंदरूनी युद्ध छिड़ा हुआ है. उनकी पार्टी में हर तरह की प्रवृत्ति देखने को मिल रही है और इसे अच्छा शब्द नहीं मिल पाने के कारण पृथकतावाद कहा जा सकता है.’

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राजनाथ द्वारा मोदी को धर्मनिरपेक्ष नेता बताये जाने पर तिवारी ने कहा, ‘यह हमारे लिए महत्वहीन है क्योंकि कुछ फैसले इस देश की जनता ने पहले ही देख लिये हैं. मुझे नहीं लगता कि बीजेपी द्वारा खुद को दिये जाने वाले किसी भी प्रमाणपत्र से वास्तविकता बदल जायेगी.’

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