scorecardresearch
 

फसलों में MSP में बढ़ोतरी का कितना फायदा पहुंचता है किसानों तक

किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है. एमएसपी में हुई बढ़ोतरी से देश के किसान को कितना राहत देगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा.

Advertisement
X
भारतीय किसान यूनियन अपनी मांगो को लेकर मार्च  (फाइल फोटो)
भारतीय किसान यूनियन अपनी मांगो को लेकर मार्च (फाइल फोटो)

Advertisement

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में गेहूं, चना, सरसों, जौ और मसूर की एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई. ऐसे में ये सवाल सामने हैं कि देश के किसानों में इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया है और एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा मिल रहा या नहीं?

पश्चिम उत्तर प्रदेश के शामली जिले के मानकपुर गांव के रहने वाले किसान दलमीर सिंह ने इसी साल अप्रैल के महीने में 125 क्विंटल गेंहू प्राइवेट आढ़तिया के पास 1690 रुपये प्रति क्विंटल बेचा है. जबकि उस समय में सरकारी खरीद केंद्र पर 1735 रुपये प्रति क्विंटल था.

दलमीर सिंह कहते है कि एमएसपी के बढ़ाए जाने के जाने का सीधा फायदा उन्हें नहीं मिलता है. उन्होंने कहा, 'इसका फायदा तो उन्हें मिलता है जो सरकारी खरीद केंद्र पर बेचते हैं, हम तो प्राइवेट आढ़त पर जाकर अपनी फसल बेचते हैं.'

Advertisement

सरकारी अनाज खरीद केंद्र को लेकर दलमीर सिंह की काफी शिकायतें हैं. वो कहते हैं कि सरकारी केंद्र बहुत दिक्कतें होती हैं. ड़ेढ़ से दो क्विंटल अनाज तो चोरी हो जाता है. इसके अलावा दो से तीन क्विंटल अनाज को बेकार बता दिया जाता है. इसके अलावा नगद पैसा भी नहीं मिलता है. जबकि प्राइवेट आढ़तिया  के पास ऐसी कोई दिक्त नहीं होती है.

सहारनपुर जिले के अंबेठा कस्बे के रहने वाले किसान राहत खान ने कहा कि सरकार ने एमएसपी में बढ़ोतरी करके किसानों को राहत दी है. इससे देश के किसानों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि सरकार जब एमएसपी बढ़ाती है तो प्राइवेट आढ़त पर इसका असर होता है और वो रेट बढ़ाकर खरीदते हैं.

राहत खान हर साल 150 क्विंटल गेंहू और तकरीबन 175 क्विंटल धान बेचते हैं. वो प्राइवेट आढ़तिया और सरकारी खरीद केंद्र दोनों जगह अपनी फसल को बेचते हैं. वो कहते हैं कि प्राइवेट आढ़त में उन्हें काफी सुविधाए हैं. जबकि सरकारी केंद्र पर किसान को बहुत परेशान किया जाता है. इतने नियम कानून बता दिए जाते हैं कि किसान दोबारा केंद्र पर जाता ही नहीं है.

बरेली जिले में बहेड़ी के रहने वाले किसान सरदार लोकेंद्र सिंह कहते हैं कि सरकारी केंद्र में उन्हीं किसानों की फसल की खरीदारी की जाती है, जिनका पंजीकृत रहता है. सभी किसानों का पंजीकृत नहीं रहता है ऐसे में उन्हें दूसरे पंजीकृत किसानों से वाउचर लेकर बेचना पड़ता है. इसके चलते बेचने वाले किसान के बजाय पंजीकृत किसान के अकाउंट के पैसा जाता है. जिनसे पैसा लेने के लिए काफी दिक्कत होती है. इसके चलते हम लोग प्राइवेट आढ़त में अपना गल्ला बेचना बेहतर समझते हैं.

Advertisement

बागवत के रटौल गांव के रहने वाले किसान सुरेंद्र मित्तल कहते हैं कि सरकार का एमएसपी में बढ़ोतरी करके किसान के हित में बेहतर कदम उठाया है. इसका फायदा सिर्फ सरकारी केंद्रों पर ही नहीं बल्कि  प्राइवेट आढ़त पर भी पड़ता है. लेकिन वो अपने गल्ले को प्राइवेट आढ़त के पास बेचना बेहतर समझते हैं.

वो कहते हैं कि सरकारी केंद्र पर बेचे जाने के लिए हमें अपने पास से बारदाना जुटाना पड़ता है. जबकि प्राइवेट आढ़त के हमारे व्यक्तिगत संबंध होते हैं वो घर आकर खुद ले जाते हैं. इतना ही नहीं जरूरत पढ़ने पर फसल खरीद से पहले ही पैसा दे देते हैं. जबकि सरकारी केंद्र में फसल बेचने के बाद पैसे आते हैं और कभी-कभी तो लंबा इंतजार भी करना पड़ता है.

सहारनपुर के प्राइवेट आढ़त का काम करने वाले गुलजार अहमद कहते हैं कि सरकार हमेशा फसल कटने के वक्त एमएसपी में बढ़ोतरी करती है, लेकिन इस बार काफी पहले कर दी है. किसान तो अपनी फसल बेच चुका है. ऐसे में खरीफ फसलों की बढ़ी हुई कीमतें किसानों को मार्च-अप्रैल में मिलेंगी.

उन्होंने कहा कि इस समय एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों के बजाय आढ़तियों को फायदा मिलेगा. सरकार के इस कदम से बाजार में मंहगाई भी बढ़ेगी.

Advertisement

बता दें कि मोदी सरकार के द्वारा एमएसपी बढ़ाए जाने के बाद गेंहू का नया मूल्य 1,735 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1,840 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. चने का एमएसपी 4,440 से बढ़ाकर 4,612 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. वहीं, मसूर की दाल का एमएसपी 4,250 से बढ़ाकर 4,475 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि रबी फसल की एमएसपी बढ़ाने से किसानों को 62,635 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी. उन्होंने कहा कि सरसों पर किसानों की लागत 2,212 रुपये प्रति क्विंटल आ रही है और सरकार इसका एमएसपी 4,200 रुपये तय किया है.

Advertisement
Advertisement