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शाह है तो संभव है: ट्रिपल तलाक, कश्मीर-370, UAPA, SPG और अब नागरिकता बिल

बीजेपी ने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून लाने और तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने का वादा किया था. यही वजह रही कि मोदी सरकार में सत्ता में आने के सात महीने के अंदर ही बड़े वादे को अमलीजामा पहनाने के साथ-साथ यूएपीए और एसपीजी संशोधन बिल को पास कराने में कामयाब रही है.

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नरेंद्र मोदी और अमित शाह (फोटो-BJP)
नरेंद्र मोदी और अमित शाह (फोटो-BJP)

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  • नागरिकता संसोधन विधेयक संसद से पास
  • बीजेपी के घोषणा पत्र के तीन वादे हुए पूरे

देश की सत्ता में दूसरी बार विराजमान मोदी सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को लगातार अमलीजामा पहना रही है. बीजेपी ने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून लाने और तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने का वादा किया था. यही वजह रही कि मोदी सरकार सत्ता में आने के सात महीने के अंदर इन तीनों बड़े वादे पूरे करने के साथ-साथ आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए यूएपीए और एसपीजी संशोधन बिल को पास कराने में कामयाब रही है.

बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा कम है. यही वजह रही कि पिछले पांच सालों में मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं ले पा रही थी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जब से गृहमंत्री पद की जिम्मेदारी अमित शाह को मिली है, उसके बाद से सरकार एक के बाद एक बिल को पास कराने में कामयाब रही है.

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नागरिकता संशोधन बिल पास

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल को राज्यसभा में चर्चा और पास करने के लिए पेश किया तो उन्होंने बीजेपी घोषणापत्र का भी जिक्र किया. शाह ने कहा कि चुनाव से पहले ही हमने जनता के सामने नागरिकता संशोधन बिल लाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे जनता ने अपना समर्थन दिया. जनादेश से बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता. इससे साफ जाहिर है कि सरकार अपने घोषणा पत्र के किए हुए वादे को अमलीजामा पहना रही है.

मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराने में कामयाब रही है, जिसके बाद अब अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी.

तीन तलाक से मुक्ति

नरेंद्र मोदी सरकार ने लगातार दूसरी बार सत्ता में आते ही सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया. मोदी सरकार ने तीन तलाक को पूरी तरह से बैन करने और इसे अपराध घोषित करने हेतु 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया. राज्यसभा में बहुमत न होने के बाद भी मोदी सरकार इस कानून को अमलीजामा पहनाने में कामयाब रही. बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा में पत्र में इसे शामिल किया था.

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अनुच्छेद-370 को किया बेअसर

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे ऐतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया जो जनसंघ के जमाने से पार्टी की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रहा है. सरकार ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का कदम उठाने के साथ-साथ राज्य को बांटने का काम भी किया. बीजेपी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की मांग काफी लंबे समय से उठाती रही थी, लेकिन ये मसला हर बार टलता ही रहा. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को जिस तरह निष्प्रभावी बना दिया, वो विपक्ष को भी हैरान कर गया. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान लागू हो गया है.

यूएपीए बिल को कराया पास

आतंकवाद पर नकेल कसने की दिशा में मोदी सरकार ने 'विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2019' (यूएपीए बिल) को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराकर कानूनी अमलीजामा पहनाने का काम किया है. इसके कानून के बाद अब सरकार किसी भी व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित कर सकती है और उसकी संपत्ति भी जब्त कर सकती है. जबकि, इससे पहले तक आतंकवाद विरोधी कानून में सिर्फ यह प्रावधान था कि वह किसी समूह को प्रतिबंधित कर सकता था, लेकिन किसी को व्यक्तिगत तौर पर नहीं.

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एसपीजी संशोधन बिल पास

मोदी सरकार स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संशोधन बिल 2019 को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराने में कामयाब रही है. इस बिल में सिर्फ प्रधानमंत्री को SPG सुरक्षा देने का प्रावधान है और उनके अलावा कोई भी विशिष्ट व्यक्ति इस सुरक्षा कवच का हकदार नहीं होगा. इस बिल में संशोधन के बाद गांधी परिवार के सदस्यों और पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार वालों को मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई है. अब ये सिर्फ प्रधानमंत्री रहते हुए और पद से हटने के 5 साल बाद विशिष्ट व्यक्ति से भी यह सुरक्षा वापस लेने का प्रावधान है.

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