नरेंद्र मोदी देश को बुलेट ट्रेन की सौगात देना चाहते हैं. इसके अलावा रेलवे में यात्रियों की सुविधा को लेकर भी मोदी सरकार अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुकी है. इसी कड़ी में गुरुवार को सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसका सीधा फायदा यात्रियों को मिलेगा. ट्रेन में खाने की क्वालिटी सुधारने की कवायद में सरकार ने राजधानी, शताब्दी और दुरंतों के लिए नई कैटरिंग पॉलिसी का ऐलान किया है.
दरअसल, इस बार बजट में भी रेलवे यात्रा के दौरान खाने को लेकर चिंता जताई गई थी. बजट में पेश की गई तमाम योजनाओं से साफ हो गया कि भारतीय रेलवे में यात्रियों को कन्फर्म सीट मिले न मिले, लेकिन खाने की क्वालिटी से समझौता नहीं किया जाएगा. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई कैटरिंग पॉलिसी में मेन्यू को चार अलग-अलग क्षेत्रों (उत्तर, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) के लिहाज से लागू किया जाएगा. यानी हर क्षेत्र की ट्रेनों के लिए अलग मेन्यू होगा.
वेलकम ड्रिंक और ब्रांडेड खाना
नई पॉलिसी के तहत यात्रा शुरू होते ही एसी में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को वेलकम ड्रिंक दिया जाएगा. इसके साथ ही डब्बाबंद खाने के ब्रांड को लेकर विशेष निर्देश दिया गया है. डायबिटीज रोगियों के लिए शुगर फ्री खाने की क्वालिटी और खाने के ब्रांड का निर्धारण भी जोनल रेलवे के सीसीएम द्वारा किया जाएगा.
नए दिशा-निर्देश में खाने की पैकेजिंग और साफ-सफाई को लेकर भी सख्त रुख अपनाया गया है. राजधानी, दूरंतो और शताब्दी में यात्रा करने वाले यात्रियों को सबसे बड़ी सुविधा ट्रेन के लेट होने पर मिलेगी. नई नीति के तहत अगर ट्रेन दो घंटे से अधिक देरी से चल रही है तो समय के मुताबिक यात्रियों को नाश्ता और खाना परोसा जाएगा.