शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले केंद्र सरकार ने यूपीएससी के सीसैट परीक्षा पैटर्न की सुध ली है. रविवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान सरकार ने सभी दलों से में पक्ष-विपक्ष के सभी पहलुओं पर विचार मांगे हैं. केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी राजनीतिक दलों से मामले में दो हफ्ते के भीतर सुझाव देने को कहा गया है.
गौरतलब है कि संसद के पिछले सत्र में सी-सैट का मुद्दा खूब उछला था. इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार बाधित हुई थी और उससे पहले दिल्ली समेत देश के कई शहरों में परीक्षा पैटर्न को लेकर हिंसक बवाल भी हुआ था. स्पष्ट है कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सरकार सभी दलों को इस मुद्दे पर एक राय करना चाहती थी. संसद के पिछले बजट सत्र में सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन की दिशा में आगे काम करते हुए नायडू ने रविवार को बैठक बुलाई थी.
बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी और मुख्तार अब्बास नकवी समेत संसद के दोनों सदनों में मौजूद 26 दलों के नेता मौजूद थे. बैठक में सिंह और नायडू ने कहा कि सी-सैट का मुद्दा संवेदनशील है और सरकार सभी दलों के विचारों का लाभ उठाना चाहेगी. बैठक में भाग लेने वाले राजनीतिक दलों में कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, समाजवादी पार्टी और बीएसपी शामिल हैं.
बैठक के दौरान कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के सचिव ने संघ लोक सेवा आयोग की ओर से हर साल आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा शुरुआत और उसके क्रमिक विकास पर विस्तृत प्रेजेंटेशन भी दिया.