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मोदी सरकार ने फिर लौटाई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश, बढ़ सकती है रार

मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की उस सिफारिश को लौटा दिया है, जिसमें उसने जज केएल मंजूनाथ को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी. केएल मंजूनाथ इस वक्‍त कर्नाटक हाई कोर्ट में जज हैं.

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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो

मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की उस सिफारिश को लौटा दिया है, जिसमें उसने जज केएल मंजूनाथ को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी. केएल मंजूनाथ इस वक्‍त कर्नाटक हाई कोर्ट में जज हैं. इससे पहले सरकार ने वरिष्‍ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश भी लौटाई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी भी जताई थी.

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अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, सरकार ने जस्टिस मंजूनाथ पर सिफारिश को पुनर्विचार के लिए लौटाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के ही एक सीनियर जज की टिप्पणी के आधार पर लिया है. दिलचस्‍प बात यह है कि सीनियर जज से चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने कॉलेजियम की मीटिंग से पहले विचार-विमर्श किया था, लेकिन कॉलेजियम ने तब उनकी प्रतिकूल टिप्‍पणियों को नजरंदाज कर दिया था. जज ने अपनी टिप्‍पणी में विस्तृत ब्योरा देते हुए बताया कि किन कारणों से वह जस्टिस मंजूनाथ के नाम के पस्‍ताव के खिलाफ हैं.

कानून मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कॉलेजियम के फैसले को चीफ जस्टिस के पास पुनर्विचार के लिए भेजने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी विचार-विमर्श किया.

गौरतलब है कि इसके साथ ही कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कौल का मद्रास हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी, जिसे मान लिया गया है और इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी.

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