नरेंद्र मोदी सरकार कुछ ही दिनों में अपनी पहली सालगिरह मनाएगी. विरोधियों ने तो उम्मीद के मुताबिक इस सरकार के कार्यकाल को कम स्कोर दिए. लेकिन खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सहयोगी दल भी आलोचना करने लगे, तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.
दरअसल, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट का घटक अकाली दल नरेंद्र मोदी सरकार के रवैये से नाखुश है. पार्टी के नेता नरेश गुजराल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'केंद्र सरकार अपने सहयोगियों को साथ लेकर नहीं चल रही है.' उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार को वाजपेयी सरकार से सीख लेनी चाहिए.'
नरेश गुजराल ने मोदी सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल पर अपने साथी दलों की एक बार भी बैठक नहीं बुलाई है. वाजपेयी सरकार का हवाला देते हुए अकाली नेता ने कहा कि 'अगर गठबंधन पूर्व एनडीए काल की तरह होता तो आज कोई दिक्कत नहीं होती.'
गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने नरेंद्र मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर फेल करार दिया है. उन्होंने कहा, 'मोदी की आर्थिक नीति दिशाहीन है. उन्हें परियोजनाओं की बजाय नीतियों पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.'
शौरी ने कहा कि सरकार में टैक्स व्यवस्था को लेकर कन्फ्यूजन है. सरकार के फैसलों से निवेशक छिटक रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि सरकार अल्पसंख्यकों के बीच डर दूर करने में नाकाम रही है.
अरुण शौरी ने यह भी आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अरुण जेटली की तिकड़ी ही सरकार चला रही है.