पांच राज्यों में चुनावों की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो गई है, चुनावी नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ा फैसला ले सकते हैं. केंद्र की मोदी सरकार पिछले कुछ समय से नई नेशनल हेल्थ पॉलिसी को अंतिम रूप देने में लगी है और अब इसे लागू करने की तैयारी है. इस योजना के द्वारा लगभग 80 फीसदी लोगों को सरकारी अस्पताल में पूर्णत: रूप से फ्री इलाज देने की तैयारी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इस ड्राफ्ट में प्रधानमंत्री के आदेश के बाद कुछ बदलाव किये गए हैं और अब कैबिनेट इसे जल्द ही पास कर सकती है. इसके तहत दवा, जांच और सभी तरह के इलाजों को मुफ्त किया जाएगा. अभी देश में सिर्फ 20 फीसदी लोग ही सरकारी अस्पताल में इलाज करवा पाते हैं.
नोटबंदी के बाद सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
जिस तरह पांच राज्यों के चुनावों से पहले नोटबंदी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था, उसी तरह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले यह भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. इस नीति को केंद्र सरकार लागू करेगी और यह राज्य पर निर्भर होगा कि वह अपने वहां इसे लागू करें या नहीं. 2002 के बाद यह पहली बार होगा कि नये तरीके से लागू किया जा रहा है.
बजट होगी चुनौती
केंद्र सरकार इतनी बड़ी स्कीम ला सकती है लेकिन उसके सामने इसके लिए पैसा लाना भी एक बड़ी चुनौती होगी. बताया जा रहा है कि सरकार को इसके लिए ढाई लाख करोड़ रुपये का सालाना भार बढ़ सकता है. इसके तहत स्कीम में हेल्थ टैक्स भी लगाया जा सकता है.