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कमजोर किसानों पर अध्यादेश की कुल्हाड़ी चलाना चाहती है मोदी सरकार: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में किसानों की समस्याओं पर भाषण देते हुए मोदी सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने यूपीए और मोदी सरकार के दौर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की तुलना करते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाए.

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Rahul Gandhi
Rahul Gandhi

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में किसानों की समस्याओं पर भाषण देते हुए मोदी सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने यूपीए और मोदी सरकार के दौर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की तुलना करते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाए.

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लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधने के बाद राहुल गांधी सांसद के बाहर भी वार करना नहीं भूले. मोदी सरकार के अच्छे दिन की आलोचना करनेवाले राहुल ने खुद के भाषण को अच्छा बताया और जवाब ना मिलने की बात कही. उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपने पुत्र के भाषण को सराहा है. उन्होंने कहा, 'राहुल जो बोले मैं उससे बहुत खुश हूं. हम यही चाहते थे. हम किसानों के मुद्दे उठाते रहेंगे.'

राहुल ने कहा , 'सब कुछ उस नींव से बनता है जो किसान मुहैया कराते हैं. किसानों ने हमें 'हरित क्रांति' दी. लेकिन 'अच्छे दिनों' वाली सरकार ने देश को नाकामी के गर्त में धकेल दिया है. यह 'अच्छे दिन' जुमला उन्हीं का है, मैं आज बस इसका इस्तेमाल कर रहा हूं.'

हाल ही में छुट्टी से लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने फसल नुकसान के अलग-अलग आंकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और प्रधानमंत्री को खुद मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लेने की नसीहत दे डाली. गडकरी की तारीफ करना चाहूंगा कि उन्होंने कहा कि किसान को न सरकार पर और न भगवान पर भरोसा करना चाहिए.

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राहुल के भाषण के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने उन्हें जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर है और केंद्र के कई मंत्रियों ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और राहत की रकम बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हम राज्य और केंद्र 'टीम इंडिया' के रूप में काम कर रहे हैं.

कांग्रेस ने राहुल के भाषण के दौरान अपने सांसदों से सदन में मौजूद रहने को कहा था. लेकिन इस मौखिक व्हिप के बावजूद 44 में से सिर्फ 28 कांग्रेस सांसद लोकसभा में थे. खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता कमलनाथ भाषण के समय सदन में मौजूद नहीं थे.

राहुल के भाषण की कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल खोलकर तारीफ की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि इस भाषण के बाद राहुल और कांग्रेस की वापसी को लेकर कोई शक नहीं है.

पढ़िए राहुल का भाषण, उन्हीं की जुबानी
सबसे पहले मैं आपके PM को एक सुझाव देना चाहता हूं. 14 राज्यों की 180 लाख हेक्टेयर जमीन पर नुकसान हुआ है. एक्सपर्ट कहते हैं कि 180 लाख हेक्टयेर पर असर हुआ है. लेकिन PM कहते हैं कि 106 और कृषि मंत्रालय कहती है 80 लाख हेक्टेयर पर नुकसान हुआ है. कौन सही कह रहा है. यही बीजेपी का तरीका है. यहां कुछ बोलो, वहां कुछ बोलो.

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(राहुल के इतना कहने के बाद ही कृषि मंत्री खड़े हो गए. उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों ने 180 लाख हेक्टेयर का नुकसान बताया था. लेकिन प्रधानमंत्री ने जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की तो उन्होंने 80 लाख रुपये का नुकसान बताया था. उन्होंने राहुल से आंकड़ों में सुधार की अपील की. इसके बाद राहुल फिर बोलने के लिए खड़े हुए,)

चलिए आंकड़ों में कन्फ्यूजन है. कोई कुछ कह रहा है, कोई कुछ. ऐसे में मैं प्रधानमंत्री जी को सुझाव देता हूं कि क्यों नहीं वह खुद जाकर देख लें कि कितना नुकसान हुआ है. गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है सरकार उठा नहीं रही है. किसान को फर्टिलाइजर नहीं दे रहे, लाठी मारकर भगा रहे हैं.

आपकी सरकार पढ़े-लिखे लोगों की सरकार है, सूट-बूट वालों की सरकार है, ये हम समझते हैं. आपके प्रधानमंत्री राजनीतिक समीकरण तो समझते हैं. मेरे मन में एक सवाल है. 60 फीसदी जनता खेती पर निर्भर है. अगर मोदी राजनीतिक समीकरण समझते हैं तो वह 60 फीसदी लोगों की अनदेखी क्यों कर रहे हैं. स्वामीनाथन जी ने कहा, राष्ट्र का भविष्य अनाज पर निर्भर करेगा, बंदूकों पर नहीं.

 

मैंने खुद से पूछा कि यह क्यों हो रहा है, एक ही जवाब मिला. जवाब है कि जमीन की कीमत तेजी से बढ़ रही है और आपके कॉरपोरेट दोस्त उस जमीन को चाहते हैं. आप एक तरफ से किसान और मजदूर को कमजोर कर रहे हो. जब वह कमजोर होगा तब आप उस पर अपने अध्यादेश की कुल्हाड़ी मारोगे.

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आप लोग बहुत बड़ी गलती कर रहे हो. किसानों-मजदूरों को चोट पहुंचा रहे हो. आने वाले दिनों में वे आपको चोट पहुंचाएंगे. आप सोच रहे होगे कि बड़ी कारों वाले बड़े उद्योगपतियों के पास ताकत है. लेकिन नहीं, देश के मजदूरों-किसानों के हाथ में देश की ताकत है.

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