प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महज छह महीने में जितने काम किए हैं, उतना यूपीए की पिछली 'लकवाग्रस्त' सरकार पांच सालों में भी नहीं कर पाई. यह दावा मशहूर बिजनेस कंसल्टेंट डॉ. राम चरन ने किया है. 'बिजनेस टुडे' के 'MindRush' में हिस्सा लेने भारत आए राम चरन ने पीएम मोदी के काम की जमकर तारीफ की है.
डॉ. चरन ने 'आज तक' से बातचीत में कहा, 'बेशक नरेंद्र मोदी ने सरकारी कामकाज करने का रवैया बदला है और दुनिया को यह बताया है कि भारत प्रगति पर है.' नरेंद्र मोदी को 'गेम चेंजर' बताते हुए राम चरन
ने अपील की, 'नरेंद्र मोदी जूनूनी हैं और उन्हें और वक्त मिलना ही चाहिए.'
'मुमकिन है मेक इन इंडिया'
भारतीय मूल के अमेरिकी कंसल्टेंट डॉ. चरन के मुताबिक भारत के पास बौद्धिक क्षमता है. अगर ऊर्जा और पावर मिले तो भारत में बहुत संभावनाएं हैं. उन्होंने इस बात पर जोर
दिया है कि भारत में निवेश के लिए विदेशी कंपनियों में विश्वसनीयता कायम करने के लिए जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए. उन्होंने कहा, सरकार
को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकार कर भारत की छवि नहीं बिगाड़नी चाहिए.'
शेल और वोडाफोन कंपनी की सरकार के साथ चल रहे टैक्स विवाद का हवाला देते हुए डॉ. चरन ने कहा, भारत निवेशकों के बीच भरोसा वापस काम कर सकता है बशर्ते वह
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कदम ना उठाए.
'चीन से भारत की तुलना बेफिजूल है'
चीन से भारत की तुलना डॉ. चरन को वक्त की बर्बादी लगती है. उनका मानना है, 'बुद्धिजीवी वर्ग ऐसी तुलना कर वक्त बर्बाद कर रहा है.' हम चीन से भारत की तुलना क्यों कर
रहे हैं? क्या चीन किसी भी तरीके से हमारा रास्ता रोक रहा है? डॉ. राम चरन की माने तो भारत को मजबूत बनाने के लिए 10 खरब रुपए फॉरेक्स जुटाने की जरूरत है.
'भारत को केवल 5-6 क्षेत्र पर फोकस करने की जरूरत है'
डॉ. राम चरन के अनुसार शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए भारत को हेल्थ केयर, सॉफ्टवेयर, ऑउटसोर्सिंग, डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र को तवज्जो देने की जरूरत है. राम चरन ने
युवाओं को मैनेजमेंट की पढ़ाई करने का सुझाव देते हुए बताया कि सॉफ्टवेयर और एलोगरिदम में स्पेशियलाइजेशन उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. साथ ही उन्होंने
'मेंटल कैपिटल' बढ़ाने यानी खुद का ज्ञानकोष विकसित करने की भी सलाह दी है.
'रक्षा क्षेत्र में 49% एफडीआई काफी है'
रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई की मांग के खिलाफ डॉ. राम चरन ने 49 फीसदी एफडीआई का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'जब विदेशी कंपनियां चीन में सीमित दायरे में
चीन में निवेश कर सकती हैं तो फिर भारत में भी कर सकती हैं. जरूरत बस माकूल माहौल तैयार करने की है.'
डॉ. राम चरन को उम्मीद है कि जिस तरह सरकार अटके काम को रास्ते पर ला रही है बहुत जल्द लोगों को इसका सकारात्मक परिणाम मिलेगा. प्राथमिकता तय कर काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैनेजमेंट स्किल से ग्लोबल गुरू डॉ. राम चरन काफी आशान्वित हैं.