पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नरेंद्र मोदी के 'मुख्य चुनावी एजेंट' हैं क्योंकि उनकी सरकार के ठीक से काम न करने का फायदा गुजरात के मुख्यमंत्री को मिल रहा है.
एक न्यूज चैनल से बातचीत में शौरी ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा क्योंकि इसके गंभीर नतीजे होंगे.
शौरी ने कहा, 'आज मनमोहन सिंह नरेंद्र मोदी के मुख्य चुनावी एजेंट हैं. क्योंकि वह कुछ नहीं कर रहे, इसलिए लोग कह रहे हैं कि मोदी लाओ, मोदी लाओ.'
जब शौरी से पूछा गया कि कुछ लोग मोदी को बांटने वाला शख्स मानते हैं, तो उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव कायम है और इस वक्त सवाल यह है कि देश विभाजक नहीं, निर्णायक नेतृत्व चाहता है और उन्होंने ऐसा कर दिखाया है.
किसे स्टेटलेस लीडर बता गए शौरी
यह सवाल किए जाने पर कि क्या मोदी अपने पीछे बीजेपी को एकजुट करेंगे या सुषमा स्वराज और आडवाणी जैसे नेताओं को अलग-थलग कर देंगे, शौरी ने कहा कि वह दिल्ली में 'स्टेटलेस' नेताओं के बारे में नहीं बोलेंगे क्योंकि यहां 'स्टेट लीडर्स' हैं.
जब उनसे पूछा कि वह दिल्ली में 'स्टेटलेस लीडर्स' किसे कह रहे हैं, तो वह बोले, 'यह ज्ञानी जी की व्याख्या थी. उन्होंने कहा था कि भारत में दो तरह के नेता हैं - एक तरफ के कामराज, एसके पाटिल, एनटीआर और दूसरी तरफ वीपी सिंह जैसे स्टेटलेस लीडर्स.'
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह सुषमा और आडवाणी की तुलना वीपी सिंह से कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह उनकी तुलना दिल्ली में किसी से भी नहीं कर रहे.
शौरी ने कहा, 'मैं कह रहा हूं कि जहां तक मैं देख पा रहा हूं मोदी ने जमीनी स्तर पर पार्टी को एकजुट किया है. मैं पार्टी के संपर्क में नहीं हूं पर अगर पार्टी के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक उनके साथ हैं, तो मुझे यकीन है कि दिल्ली में भी लोग अब उन्हें लेकर एकजुट हैं.'
बीजेपी नेता ने कहा कि यूपीए सरकार अपनी उपयोगिता खो चुकी है क्योंकि वह नरेगा, खाद्य सुरक्षा विधेयक जैसी 'प्रतिकूल' चीजों को छोड़कर कुछ नहीं कर रही.