गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से व्यक्तिगत तौर पर सीधी बात की.
नरेंद्र मोदी को बीजेपी की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किए जाने का लालकृष्ण आडवाणी द्वारा विरोध जताने के बाद से माना जाता रहा है कि दोनों के बीच रिश्तों में सब कुछ ठीक नहीं है. पार्टी मुख्यालय में बीजेपी संसदीय दल की बैठक के तुरंत बाद मोदी आडवाणी के आवास पर गए. उनकी मुलाकात करीब एक घंटे तक चली.
सूत्रों ने बताया कि संयोगवश संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान दोनों नेता एक-दूसरे के ठीक बगल में बैठे थे. हालांकि, बैठक के दौरान दोनों के बीच सीमित बात हुई.
ऐसा लग रहा है कि मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के इन निर्देशों का पालन कर रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनावों से जुड़े निर्णय और रणनीति को अंतिम रूप देने में सभी वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलना चाहिए.
नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी मुलाकात की. गुजरात के मुख्यमंत्री से आश्चर्यजनक रूप से गुजरात भवन में उमा भारती और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुलाकात की.
उमा भारती जहां नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए का कथित तौर पर विरोध करती रही हैं, वहीं सुशील मोदी कभी बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार के करीबी हुआ करते थे. हालांकि, बाद में उमा भारती ने विरोध जताना छोड़ दिया और सुशील मोदी भी नीतीश पर सीधा हमला बोलने लगे.
गौरतलब है कि आडवाणी पार्टी में हालिया घटनाक्रमों से नाखुश रहे हैं. उन्होंने गोवा सम्मेलन में मोदी को बीजेपी की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किए जाने का विरोध किया था. विरोध में आडवाणी ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, पर भागवत के दखल के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. उसके बाद से पार्टी के मुद्दों पर मोदी के कदमों का आडवाणी ने विरोध नहीं किया है. मोदी ने 16 जुलाई को आरएसएस प्रमुख से मुलाकात की थी, जबकि आडवाणी ने इस महीने की शुरुआत में नागपुर जाकर संघ प्रमुख से भेंट की थी.