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स्वच्छ भारत के बाद नए मिशन पर मोदी, जनसंख्या विस्फोट और जलसंकट रोकने पर जोर

अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के विज़न को आगे बढ़ाया, अनुच्छेद 370 पर चर्चा भी की. लेकिन, इसी के साथ उन्होंने कुछ संकेत ऐसे भी दिए जो आने वाले दिनों में उनके सरकार की रफ्तार और विज़न को दर्शाते हैं.

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लालकिले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: AP)
लालकिले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: AP)

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लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता की ऊंचाई पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित किया. अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में नरेंद्र मोदी ने सरकार के विज़न को आगे बढ़ाया, अनुच्छेद 370 पर चर्चा भी की. लेकिन, इसी के साथ उन्होंने कुछ संकेत ऐसे भी दिए जो आने वाले दिनों में उनके सरकार की रफ्तार और विज़न को दर्शाते हैं. इनमें से सबसे खास रहे जलसंकट और जनसंख्या विस्फोट पर चिंता.

देश के कई शहरों में भू-जल का संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है, बीते दिनों चेन्नई समेत कई अन्य शहरों में पीने के पानी के संकट ने इसका नजारा भी देखा. चेन्नई के तालाब, पीने के पानी के स्थल सूखे नज़र आए, जिसने पूरे सरकारी सिस्टम को हिलाकर रख दिया.

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पानी बचाना, पहला बड़ा लक्ष्य

दूसरे कार्यकाल में लालकिले से पहले भाषण में प्रधानमंत्री का फोकस जल संकट पर ही रहा. उन्होंने बताया कि किस तरह उनकी सरकार ने इसके लिए अलग से जलशक्ति मंत्रालय बनाया है, साथ ही ‘जल जीवन मिशन’ का भी ऐलान कर दिया गया. पीएम ने इस योजना के लिए साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये दिए हैं.

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प्रकृति के अलग रूप ही हैं एक तरफ देश में सूखे और पानी की कमी की बात हो रही है तो दूसरी ओर आधा हिंदुस्तान बाढ़ की चपेट में है. प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि किस तरह आम लोगों तक जल संरक्षण, पानी के बचाव, बारिश के पानी का इस्तेमाल के बारे में बताया जाए, जिससे भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.

जल जीवन मिशन के तहत जिन बातों पर फोकस होगा, वो ये हैं...

-    वर्षा के पानी को रोकना,

-    समुद्री पानी का इस्तेमाल,

-    बारिश के पानी का इस्तेमाल

-    खेती में पानी का कम इस्तेमाल

-    पानी बचाने का अभियान

-    सामान्य नागिरक को सजग बनाना

-    बच्चों को पानी के बचाव के बारे में शिक्षा देना

*अबकी बार, जनसंख्या विस्फोट पर वार*

पानी बचाने के बाद जिस संदेश पर प्रधानमंत्री का जोर रहा, वो था जनसंख्या विस्फोट. जनसंख्या के हिसाब से हिंदुस्तान दुनिया का दूसरा बड़ा देश है और जिस गति से देश में जनसंख्या बढ़ रही है जल्द ही हमारा देश चीन को भी पछाड़ देगा. जनसंख्या का बढ़ना अपने साथ कई तरह के संकट लाता है, शहरीकरण-रोजगार-पैदावार-पर्यावरण ना जाने कितनी ऐसी चीज़ें हैं जिनपर जनसंख्या के ज्यादा होने की वजह से असर पड़ता है.

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देश में लंबे समय से मांग भी उठती आई है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़ा कानून बनना चाहिए. लालकिले से मोदी ने छोटे परिवार को लेकर कुछ ऐसे ही संकेत दिए, उन्होंने छोटे परिवार को देशभक्त परिवार बताया. साथ ही उन लोगों को सम्मानित करने की बात की जो प्लानिंग के साथ अपने परिवार को आगे बढ़ाते हैं. यानी पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के बीच सही समय का अंतर.

हालांकि, सरकार इस मिशन को किस तरह आगे बढ़ाना चाहती है इसका अभी ठोस ब्लूप्रिंट तो सामने नहीं आया है. लेकिन प्रधानमंत्री के द्वारा लालकिले से दी गई ये नसीहतें बता रही हैं कि इस बार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कठोर कदमों पर विचार किया जा सकता है.

*स्वच्छता की तरह आगे बढ़ेगा मिशन*

अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत को एक मिशन की तरह आगे बढ़ाया. पीएम ने एक बार झाड़ू उठाई तो देश में फिल्मी सितारों से लेकर उद्योगपति और मंत्री तक हर कोई झाड़ू उठा सफाई का संदेश देते दिखा. बड़े शहर से लेकर गांव तक मिशन मोड में शौचालय बने, गीले कूड़े और सूखे कूड़े के बारे में आम जनों को बताया गया. अब लगता है कि दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री का फोकस इसी तरह जनसंख्या नियंत्रण और जलसंकट पर होने वाला है.

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