पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी ठहराया. साथ ही कहा कि वो खुद मोदी को सख्त बयान से जवाब देते. परवेज मुशर्रफ को फिर आई कश्मीर की याद
मुशर्रफ ने कहा कि मोदी पाकिस्तान को कोई खिलौना ना समझें और वो पाकिस्तान को थप्पड़ मारकर नहीं समझा सकते. टीवीटीएन के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से खास बातचीत में मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बॉर्डर तक के विवाद पर बहुत सारी बातें कहीं.
उन्होंने सीमा पर फायरिंग के लिए भारत पर दोष मढ़ा और कहा कि पाकिस्तानी फौज को भारत कम करके ना आंके. मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत दौरे के दौरान शरीफ को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं से भी मुलाकात करनी चाहिए थी.
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क्या ये माना जाए कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत-पाकिस्तान के रिश्ते में मधुरता आएगी या फिर तकरार बढ़ती जाएगी?
मुशर्रफ: मैंने मनमोहन सिंह साहब और वाजपेयी साहब से यह बात कही थी. लगातार कहता रहता हूं कि रिश्तों में बेहतरी के लिए हम दोनों में तीन चीजों का होना जरूरी है. ईमानदारी, लचीलापन और साहस. जरूरी है कि हम एक-दूसरे को सुनें, स्वीकार करें और गिव एंड टेक का रिश्ता रखें. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह शुरुआती रुख रखते हैं, पाकिस्तान में ऐसी धारणा है कि वह मुस्लिम विरोधी हैं, पाकिस्तान विरोधी हैं.
जब से मोदी साहब ने सत्ता संभाली है, एलओसी पर बड़ी सख्ती शुरू हो गई है. उस पर वह ऐसे बयान देते हैं, जिनमें पाकिस्तान के लिए सख्ती है. ऐसे जैसे पाकिस्तान कोई खिलौना है, वह चुप करा देंगे. लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि अगर मैं पाकिस्तान का प्रधान होता तो मैं उनसे भी ज्यादा सख्त बयानी करता.
क्या आप मानते हैं कि नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के रहते दानों देशों के बीच रिश्ते मधुर हो पाएंगे?
मुशर्रफ: ये होना चाहिए. अनबन का सिलसिला खत्म होना चाहिए. मैं जब भी भारत जाता था हुर्रियत नेताओं से मिलता था. हमारे प्रधानमंत्री को मिलने से रोका गया तो यह गलत हुआ. अगर भारत ने इस ओर कोई रेड लाइन बनाई है तो वह उसकी रेड लाइन है. नरेंद्र मोदी हमारे प्रधानमंत्री नहीं हैं, इसलिए हम इसे नहीं मानते.
क्या आप यह मान रहे हैं कि पाकिस्तान की सेना कमजोर पड़ गई है?
मुशर्रफ: पाकिस्तानी फौज बहुत ताकतवर फौज है. वह बिल्कुल कमजोर नहीं पड़ी है. हिन्दुस्तान को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि हम कमजोर पड़ गए हैं और थ्रेट को फेस नहीं कर सकते. आपकी फौज हमसे बड़ी जरूर है, लेकिन हम कमजोर नहीं हैं. हमारे पास न्यूक्लियर ताकत है, जो दुनिया के लिए भी खतरनाक है. इसके अलावा पाकिस्तान की पारंपरिक फौज में भी इतनी ताकत है कि वह भारत को न सिर्फ रोक सकती है बल्कि हरा सकती है.