नीतीशफोबिया के शिकार हैं नरेंद्र मोदी. बस वोट हासिल करना है लक्ष्य. सिर्फ कुर्सी की है चिंता. चाहे देश टूटे या समाज बंट जाए. कुछ इस अंदाज में जेडीयू ने नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है.
दरअसल, आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने पटना सीरियल ब्लास्ट को लेकर सुरक्षा में हुई चूक की जांच न कराने को लेकर नीतीश कुमार को अभिमानी कहा. मोदी के इस आरोप पर पलटवार करते हुए जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा, 'नीतीश कुमार को सभी जानते हैं. हमलोग समाजवादी हैं. हमारी मोदी जी के साथ वैचारिक लड़ाई है, कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं. पर उनकी बातों से ऐसा लगता है कि वे नीतीशफोबिया के शिकार हो गए हैं.'
मोदी पैदा करते हैं उत्तेजना
अली अनवर ने कहा, 'नरेंद्र मोदी को अपने अंदर भी देखना चाहिए. उनकी पार्टी को भी इसके बारे में सोचना चाहिए. जिस तरह का उनका व्यक्तित्व है, सिर्फ उत्तेजना पैदा करता है. अगर मोदी किसी चौराहे पर खड़े हों. वो कुछ बोलें या न बोलें, फिर भी उनके समर्थकों और विरोधियों में उत्तेजना फैल जाती है.'
सिर्फ कुर्सी की है चिंता, चाहे देश बंटे या रहे
मोदी पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'मोदी का लक्ष्य सिर्फ वोट हासिल करना है. सिर्फ कुर्सी की चिंता है. चाहे देश टूटे या समाज बंट जाए. ये देश समन्वय से चलता है. सबको साथ लेकर चलता है.'
भावनाओं के साथ खेलकर ध्रुवीकरण करना पुरानी आदत
अली अनवर ने कहा, 'नरेंद्र मोदी को सस्ती लोकप्रियता चाहिए. सीरियल ब्लास्ट का जिक्र करके इसको भुनाना चाहते हैं. भावनाओं के साथ खेलकर ध्रुवीकरण करना तो इनकी पुरानी आदत है. वही कर रहे हैं.'
जगदलपुर में मोदी ने साधा नीतीश कुमार पर निशाना
जगदलपुर में नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर माओवादियों ने हमला किया तो डॉ. रमन सिंह मीडिया के सामने आ गए और कहा कि हमारी चूक रही होगी तो उसकी गहराई में जाएंगे. उन्होंने आदेश दिए और उसी पल अपनी यात्रा स्थगित कर दी. इतना ही नहीं, खुद रमन सिंह कांग्रेस के मारे गए नेताओं के घर गए और उनके परिवार वालों के दुख में शामिल हुए. जिन्होंने उस दिन रमन सिंह का चेहरा देखा होगा, वो जानता होगा कि वो कितनी पीड़ा अनुभव कर रहे थे. जबकि पटना में इतना बड़ा हादसा हुआ. वहां की सरकार महफिल मना रही है. छप्पन भोग परोसे जा रहे हैं. पीड़ा का नाम नहीं. कैसी बॉडी लैंग्वेज, कैसी भाषा. पत्रकार ने पूछा कि आपकी चूक तो तपाक से कह दिया कैसी चूक. अहंकार से भरा हुआ. मैं डॉक्टर रमन सिंह के धैर्य और उनकी कुशलता को अभिनंदन देता हूं.'