प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में किसान रैली के दौरान टेंट गिरने से हुए हादसे पर जांच शुरू करने के लिए केंद्र की ओर से उच्चस्तरीय एसपीजी टीम भी बंगाल रवाना कर दी गई है.
केंद्र ने प्रधानमंत्री की रैली में टेंट हादसे की जांच के लिए सीनियर रैंक के अफसर को वहां भेजा है, जो पूरे मामले की पड़ताल करेंगे. एसपीजी एक्ट के तहत अफसर इस हादसे की जांच करेंगे.
हादसे के कुछ घंटे के अंदर ही गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस हादसे को लेकर रिपोर्ट मांगी, जिसमें करीब 24 लोग घायल हो गए थे.
मिदनापुर में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान रैली थी, जहां उनके भाषण के दौरान पंडाल गिर गया और कई लोग घायल हो गए. बाद में घायलों से मिलने मोदी जिला अस्पताल भी गए.
अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे मोदी ने कहा कि फिक्र मत कीजिए आप ठीक हो जाएंगे. बता दें कि पंडाल गिरते ही रैली में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था. घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन सवाल है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में इस तरह की ढुलमुल तैयारी क्यों की गई. सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध क्यों नहीं किए गए?
किसान रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. माना जा रहा है कि रैली स्थल पर चिकित्सा के भी पुख्ता बंदोबस्त नहीं थे. प्रधानमंत्री के काफिले पर तैनात एम्बुलेंस से ही घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया.
वहीं हादसे के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम मिदनापुर की रैली में सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. राज्य सरकार उन्हें हर तरह की चिकित्सीय मदद मुहैया कराएगी.'
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने किसान रैली में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही वामपंथी दलों पर भी निशाना. मिदनापुर में आयोजित किसान रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज बंगाल की हालात उससे भी बदतर होती जा रही है.