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बेटी को पढ़ाने से पहले 50 बार क्यों सोचते हैं: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार को हरियाणा के पानीपत से की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक हजार बालक पैदा हों तो, एक हजार बालिका भी पैदा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं मां-बाप से पूछता हूं कि बेटी पैदा नहीं होगी तो बहू कहां से लाओगे? बेटी को पढ़ाने से पहले 50 बार क्यों सोचते हैं?

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नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार को हरियाणा के पानीपत से की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक हजार बालक पैदा हों तो, एक हजार बालिका भी पैदा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं मां-बाप से पूछता हूं कि बेटी पैदा नहीं होगी तो बहू कहां से लाओगे? बेटी को पढ़ाने से पहले 50 बार क्यों सोचते हैं?

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पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें

- बुढ़ापे में बेटा ही सेवा करेगा, यह सोच गलत है.
- बेटी को मारने का हक किसी को नहीं है.
- 'बेटी एक सम्मान' यह मंत्र होना चाहिए.
- देश में गिरते लिंगानुपात के बारे में अगर अभी नहीं सोचा गया तो आने वाली पीढ़ी को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा.
- हम 18वीं सदी के लोगों से भी गुजरे हुए हैं -बेटा-बेटी में फर्क हमारे देश की मानसिक बीमारी है.
- बेटियों के फर्ज से मुंह नहीं मोड़ सकते -हम तो बेटी को मां का चेहरा भी नहीं देखने देते -बेटियों की रक्षा करना डॉक्टरों की भी जिम्मेदारी.

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