बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का जादू ओडिशा में नहीं चला. बीजेपी को यहां के शहरी निकाय चुनाव में मुंहकी खानी पड़ी जबकि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने ज्यादातर सीटें जीत लीं.
चुनाव में 67 वार्डों में से महज 4 वार्ड बीजेपी के हाथ लगे जबकि बीजेडी को 49 पर जीत हासिल हुई. इतना ही नहीं 12 निर्दलीयों में से ज्यादातर ने बीजेडी को समर्थन का वादा किया है. बीजेपी से बुरी हालत कांग्रेस की रही जिसे महज दो सीटें मिलीं.
राजधानी भुवनेश्वर के म्युनिसिपल चुनाव में बीजेपी ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया था और पूरे शहर में नरेंद्र मोदी के पोस्टर लगाए गए थे. मोदी अगले महीने ओडिशा का दौरा भी करने वाले हैं.
इन नतीजों के बाद बीजेपी अब सोच विचार कर रही है. उसके राष्ट्रीय महासचिव धर्मेंद्र प्रधान इन नतीजों से हैरान हैं और इसकी विवेचना में जुट गए हैं. पार्टी इन चुनावों को अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव के रिहर्सल के रूप में देख रही है. इसलिए बीएमसी के चुनाव को काफी महत्व दिया जा रहा था.
इसके पहले सितंबर और नवंबर में 86 शहरी निकायों के चुनाव हुए थे जिनमें बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. इनमें वह कांग्रेस से भी पिछड़ गई थी. उसे सिर्फ तीन पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को 13 तथा बीजेडी को 64 में जीत मिली थी.
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि पार्टी अब इन परिणामों की समीक्षा करेगी और पता लगाएगी कि क्या गलत हुआ. पार्टी के स्टेट चीफ केवी सिंहदेव ने कहा कि इन परिणामों से कोई खास फर्क नहां पड़ेगा. मोदी का जादू आम चुनाव में चलेगा.