नरेन्द्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में रविवार को भूटान जाएंगे. इस हिमालयी देश के प्रति विशेष और अनूठा रिश्ता दर्शाते हुए प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के तीन हफ्ते के भीतर मोदी की यह दो दिवसीय यात्रा होगी. मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह भी भूटान जाएंगे.
प्रधानमंत्री भूटान की नेशनल एसेम्बली और नेशनल काउंसिल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और विपक्ष के नेता से मुलाकात करेंगे. भूटान की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी वहां के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग ताबगे से भेंट करेंगे. इस दौरान दोनों देश अपने संबंधों को और मजबूत बनाने तथा व्यापार और पन-बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देंगे.
चीन द्वारा भूटान से पूर्ण रूपेण राजनयिक संबंध स्थापित करने के प्रयासों के बीच प्रधानमंत्री का पहली विदेश यात्रा के रूप में भूटान जाने का फैसला अपने आप में महत्वपूर्ण है. विदेश सचिव ने मोदी की इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भूटान हमारा सबसे महत्वपूर्ण सामरिक साझीदार है. दक्षिण एशिया में अच्छे पड़ोसियों की हमारी नीति दर्शाने के लिए यह बहुत अच्छा देश है. उन्होंने कहा, भूटान के साथ हमारे संबंध अनूठे और गर्मजोशी से भरे हैं. हमारे बीच की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कड़ी हमें स्वाभाविक मित्र और साझीदार बनाती हैं.
मोदी भूटान नरेश और वहां के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर जा रहे हैं. भूटान के प्रधानमंत्री 26 मई को मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण के भव्य समारोह में शामिल हुए थे.