गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता
लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की. सूत्रों की माने तो मोदी ने आडवाणी से मुलाकात के दौरान कहा कि वो सबको साथ लेकर चलेंगे.
मोदी ने आडवाणी की सेहत के बारे में पूछा और कहा कि पार्टी को और उनको खुद आडवाणी जी के मार्गदर्शन की जरूरत है. बिहार मुद्दे पर भी दोनों के बीच बातचीत हुई. पार्टी की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद से मोदी की आडवाणी से यह पहली मुलाकात है.
इस नियुक्ति के बाद एनडीए टूट गया. इस बैठक के लिये मोदी, आडवाणी के आवास पर गये. मोदी और आडवाणी की मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली. इसके बाद मोदी अटल बिहारी बाजपेयी के घर के लिए रवाना हो गए.
मोदी की आडवाणी से बैठक ऐसे समय पर हुई जब कुछ दिन पहले ही मोदी मुद्दे पर दरकिनार किये जाने पर आडवाणी ने नाखुशी जताई थी और पार्टी के तीन प्रमुख पदों से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले मोदी ने मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की थी.
हालांकि बाद में आडवाणी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ टेलीफोन पर बातचीत होने के बाद और बीजेपी नेताओं के अनुरोध पर अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. मोदी योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ बैठक के लिए और राज्य की वाषिर्क योजना को अंतिम रूप देने के लिये दिल्ली आये हुये हैं.
अयोध्या पहुंचेंगे नरेंद्र मोदी, विवादित स्थल पर पूजा कर उठाएंगे 'राम मंदिर' मुद्दा!
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर वैसे ही सियासी भूचाल मचा हुआ है, ऐसे में खबर आ रही है कि मोदी इसी सप्ताह अयोध्या आ सकते हैं और विवादित स्थल पर पूजा भी कर सकते हैं. मोदी के इस कदम को बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है.
विश्व हिंदू परिषद के उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि मोदी की अगुवाई के लिए विहिप नेता अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया, गोरखपुर से सांसद योगी आदित्य नाथ और योगगुरू बाबा रामदेव मंगलवार को यहां पहुंच जाएंगे.
शर्मा ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री बुधवार या शुक्रवार को अयोध्या की यात्रा कर सकते हैं. वह राम मंदिर भी जाएंगे. उन्होंने बताया कि विहिप ने 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा करने वाले हिंदू संतों की बैठक भी बुलाई है.
विहिप नेता ने कहा, ‘अयोध्या की धरती से मोदी का उनके पार्टी के लोगों और मतदाताओं को संदेश आगामी चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा.’ मोदी अयोध्या में अनेक संतों से भी भेंट करेंगे जिनमें राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के महंत नृत्य गोपाल दास भी हैं.
अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद मोदी की यह पहली यात्रा है. सूत्रों के अनुसार मोदी 1998 में लालकृष्ण आडवाणी के साथ अयोध्या आये थे लेकिन वह मंदिर नहीं गये थे.
विहिप नेता ने कहा, ‘मोदी का अयोध्या आना इस बात का संकेत है कि हिंदुत्ववादी ताकतें आम चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम पर गंभीरता से विचार कर रहीं हैं.’ इस बात के भी संकेत हैं कि पिछले लोकसभा चुनावों में राम मंदिर के मुद्दे पर जोर नहीं देने वाली बीजेपी इस विषय को इस बार उठाएगी.