प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिनों की नेपाल यात्रा के दौरान भव्य स्वागत किया गया. एयरपोर्ट पर उतरते ही नेपाली फौज ने 19 तोपों की सलामी दी. नेपाली संसद में मोदी ने करीब 1 घंटे तक भाषण दिया. तमाम मुद्दों पर बोले, लेकिन जब मोदी नेपाल की सड़कों पर निकले तो पास खड़ी भीड़ दीवानी हो गई. काठमांडू की सड़कों पर 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' के नारे लगे. मोदी ने भी किसी को निराश नहीं किया और चाहने वालों से हाथ मिलाया.
काठमांडू की सड़कों पर जब नरेंद्र मोदी के लिए नारे लगाए जा रहे थे तो एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे यह काठमांडू नहीं दिल्ली है. सड़क पर मोदी थे और हर ओर अपार जनसमूह. मोदी से मिलने और उनसे हाथ मिलाने की होड़ लगी. चंद मिनटों के लिए सुरक्षा के सारे तामझाम पर लोगों की उम्मीदें भारी पड़ने लगी. मोदी ने भी काठमांडू वालों को निराश नहीं किया. कुछ से मिले, कुछ से हाथ मिलाया और कई लोगों से बातचीत भी की.
भारत की जनता ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया और अब नेपाल में जनता उनके नाम के नारे लगा रही है. जनता के बीच जलवा शायद इसे ही कहते हैं. मोदी का असर सिर्फ सड़कों पर नहीं था. संविधान सभा के संबोधन में भी मोदी का जादू खूब चला. नेपाली सांसदों ने दिल खोलकर मोदी की तारीफ की. करीब एक घंटे तक नेपाल की संसद में मोदी सांसदों से सीधे रुबरु हुए. अपने भाषण में मोदी ने नेपाल से सदियों पुराने रिश्तों को याद किया. दिल खोल कर नेपाल को मदद देने की घोषणा की और 10 हजार करोड़ नेपाली रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया. मोदी ने साफ किया कि नेपाल की आतंरिक नीतियों में भारत कोई दखल नहीं देगा.
मोदी की नीति और नेपाली में श्रीगणेश
नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम नेपाली संसद में अपने भाषण की शुरुआत नेपाली भाषा में की. स्थानीय भाषा में संबोधन का श्रीगणेश करके मोदी ने पहले ही शब्दों में नेपाली संसद में सबका दिल जीत लिया. मोदी ने भारत-नेपाल रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के ऐलान के साथ दो टूक तरीके से कारोबार का मसला भी पेश कर दिया. बिजली की कमी से परेशान भारत के लिए नेपाल का पानी रोशनी का करंट पैदा कर सकता है और इसी मुद्दे को मोदी ने नेपाल के विकास से भी जोड़ डाला.
संबोधन में भरपूर तालियों के बीच मोदी ने कारोबार से लेकर विकास और नेपाल से सदियों पुराने रिश्तों तक का जिक्र किया. मोदी को मालूम है नेपाल में अगर सियासी हालात थोड़े भी उबड़खाबड़ हुए तो असर कहां तक जाएगा. शायद इसलिए उन्होंने इशारों-इशारों में कहा, 'नेपाल में हवा इधर-उधर हो तो ठंड हमें भी लगती है. आप चैन से नहीं सोएंगे तो हम कैसे चैने से रहेंगे.'
विकास की कवायद और मोदी का 'हिट' फंडा
मोदी ने दोनों देशों को जोड़ने वाले हिमालय में जड़ी-बूटी के अपार खजाने के जरिए भी दोस्ती का पुल बनाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हिमालय की बूटियां नेपाल को हर्बल बिजनेस का बॉस बना सकती है. मोदी ने नेपाल को कारोबार का 'हिट' फंडा भी समझाया और हाइवे, आईवे यानी इनफॉरमेशन वे और ट्रांसवेज की जरूरत पर जोर दिया. सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े नेता के संबोधन को नेपाली संसद दम साधे सुन और समझ रही थी. करीब 17 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का नेपाल आना किसी ऐतिहासिक मौके से कम नहीं था. मोदी ने यहां नेपाल के लिए हिंदुस्तान की तरफ से मदद का खजाना खोलने का ऐलान करते हुए हर मोड़ पर मददगार बनने का दो टूक भरोसा दिलाया.
नेपाल से पहले भूटान का दौरा
सार्क देशों में मोदी नेपाल से पहले भूटान का दौरा कर चुके हैं. सार्क देशों में गरीबी के खिलाफ जंग के ऐलान के बीच उन्होंने नेपाल को साफ लफ्जों में भरोसा दिलाया कि भारत नेपाल के मामले में दखल देने का कोई इरादा नहीं रखता. भारत का किरदार मददगार पड़ोसी का रहेगा. संबोधन के अंत में मोदी ने कहा कि आते आते वक्त बहुत लग गया, लेकिन मैं फिर आउंगा.