प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैंस के लिए एक ओर अच्छी तो दूसरी ओर बुरी खबर है. खबर है कि मोदी टाइम मैगजीन के ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ खिताब के लिए चुने गए आठ आखिरी दावेदारों की सूची में जगह नहीं बना सके हैं वहीं टाइम 'पर्सन ऑफ द ईयर' के लिए रीडर पोल में मोदी को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं.
टाइम के संपादकों ने 50 ग्लोबल लीडर्स और सीईओ की अपनी लिस्ट में लोगों की संख्या घटाकर 8 कर दी है जिनके नाम सोमवार को घोषित किए गए. सालाना सम्मान के आखिरी दावेदारों में अलीबाबा समूह के प्रमुख जैक मा, ईबोला के मरीजों की देखरेख करने वाले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, एप्पल के सीईओ टीम कुक, फग्युर्सन के प्रदर्शनकारी, सिंगर टेलर स्विफ्ट, नेशनल फुटबॉल लीग के कमिश्नर रोजर स्टोक गुडेल और कुर्द नेता मसूद बरजानी शामिल हैं.
टाइम के संपादक 'पर्सन ऑफ द ईयर' का चुनाव करेंगे और इसका ऐलान 10 दिसंबर यानी बुधवार को किया जाएगा. यह सालाना सम्मान पत्रिका द्वारा 1927 से उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने अच्छे या बुरे काम से साल भर सुखिर्यां बटोरी हो.
रीडर पोल के विनर रहे मोदी
टाइम द्वारा किए गए रीडर पोल में मोदी सबसे आगे रहे हैं. सर्वे में मैगजीन ने अपने पाठकों से यह पूछा था कि उनके मुताबिक ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ का खिताब किसके नाम होना चाहिए. इस पोल में करीब 50 लाख लोगों ने वोट डाले और मोदी को सबसे ज्यादा 16 फीसदी से अधिक वोट मिले. इस तरह मोदी इस साल टाइम 'पर्सन ऑफ द ईयर' के रीडर पोल के विजेता रहे हैं.
फग्युर्सन के प्रदर्शनकारी 9 फीसदी वोट के साथ दूसरे नबंर पर रहे जबकि हांगकांग के नेता जोशुआ वोंग, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई और ईबोला के मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर और नर्सें टॉप 5 से बाहर हो गईं.
इस पोल में सबसे ज्यादा वोट (60 फीसदी) डेस्कटॉप कम्प्यूटर से डाले गए. 35 फीसदी के करीब वोट मोबाइल फोन से जबकि 4.5 वोट टैबलेट से डाले गए.
ऑनलाइन पोल में तकरीबन 200 देशों के पाठकों ने भाग लिया. अमेरिकियों ने 37 प्रतिशत वोट डाले, जिसके बाद भारतीयों ने 17 प्रतिशत और रूस ने 12 फीसदी वोट डाले.
एक अलग ‘फेस-ऑफ’ पोल में मोदी का मुकाबला इंडोनेशिया के नये राष्ट्रपति जोको विदोदो से था. इस पोल में भी मोदी ने अच्छी खासी बढ़त बनाई और विदोदो के 31 प्रतिशत वोटों के मुकाबले भारतीय प्रधानमंत्री को 69 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला.
(PTI से इनपुट)