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PM को फिक्र पीठ की, पिटती अर्थव्यवस्था और रोजगार की नहीं: कांग्रेस

कांग्रेस अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं गंवाती. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से हमले होते ही रहे हैं, साथ ही पार्टी भी सरकार पर हमले कर रही है.

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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (फाइल-PTI)
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (फाइल-PTI)

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  • बेरोजगारी पर कांग्रेस का एक और हमला
  • राहुल ने वित्त मंत्री को हटाने की बात कही
अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को हटाने की मांग के बाद अब कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पीठ मजबूत करने की बात तो की जा रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को मजबूत करके बेरोजगारी दूर करने की बात कब होगी.

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आज शुक्रवार को पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'साहेब, सूर्य नमस्कार से पीठ तो मजबूत करेंगे पर अर्थव्यवस्था मजबूत करके बेरोजगारी दूर नहीं करेंगे. उन्हें फिक्र पीठ की है, पिटती अर्थव्यवस्था व जाते रोजगार की नहीं.' नीचे गिरती अर्थव्यवस्था पर कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही है.

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इससे पहले 1 फरवरी को पेश आम बजट को कांग्रेस पहले ही नकार चुकी है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए. इससे पीएम के ऊपर कोई भी दोष नहीं आएगा.

राहुल गांधी ने बुधवार को अपने ट्वीट कर लिखा, 'प्रिय प्रधानमंत्री, अर्थव्यवस्था बुरी तरह से फंस चुकी है और आपको अपना दिमाग इस विषय में दौड़ाना चाहिए कि किस तरह अपने ऊपर से दोष हटाएं. ऐसे में निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने पद से हटाएं और सारा दोष उन पर ही मढ़ देना चाहिए. समस्या हल हो जाएगी.'

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नए आम बजट पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि हम इकोनॉमी पर राजनीति नहीं करना चाहते. सांप्रदायिक वैमनस्यता और आर्थिक सुधार एक साथ नहीं हो सकता. बजट में जो प्रावधान किए गए हैं उससे मांग नहीं बढ़ेगी.

हालांकि उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब में सुधार की बात कही जा रही है, लेकिन सुधार की जगह इसे और मुश्किल कर दिया गया है. पहले 5 स्लैब था और अब 7 स्लैब हो गया. यह कैसा सुधार है. शेयर मार्केट की गिरावट से साफ दिख रहा है कि मार्केट बजट से खुश नहीं है.

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