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कर्नाटक में संभावित हार से डरे नरेंद्र मोदी!

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की संभावित हार से डरकर नरेंद्र मोदी ने उसकी प्रकिया से अपने आप को दूर कर लिया है. चुनाव विशेषज्ञों की माने तो इस बार बीजेपी इस चुनाव में अपनी जीत को दोहरा नहीं पाएगी.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

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कर्नाटक में बीजेपी सोमवार से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रही है लेकिन इस रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लालकृष्‍ण आडवाणी भी शामिल नहीं हो रहे हैं. इससे पहले यह घोषणा की गई थी कि इस रैली में यह दोनों बड़े नेता हिस्‍सा लेंगे. बीजेपी ने इन दोनों नेताओं के हिस्‍सा नहीं लेने को कोई कारण भी नहीं बताया है. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पांच मई को होने वाले हैं.

पार्टी की राज्य इकाई के नेता हालांकि पिछले काफी दिनों से कहते आ रहे हैं कि रैली में आडवाणी और मोदी भी शामिल होंगे, लेकिन पार्टी के महासचिव और बेंगलुरू दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से सांसद एचएन अनंत कुमार ने शुक्रवार को नई दिल्ली में रैली को संबोधित करने वाले जिन नेताओं की सूची जारी की, उसमें आडवाणी व मोदी के नाम शामिल नहीं हैं.

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यह अजीब संयोग है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के जिन 140 उम्‍मीदवारों की सूची की घोषणा की गई उस बैठक में भी मोदी शामिल नहीं हुए थे. मोदी छह साल बाद इस बोर्ड में शामिल हुए हैं.

पहले संसदीय बोर्ड की बैठक में मोदी का नहीं पहुंचना और फिर कर्नाटक में रैली को संबोधित करने वालों में उनका नाम नहीं होने से इस तरह की राजनीतिक अटकलों को बल मिला है कि भ्रष्टाचार के आरोपों, असंतुष्टों तथा कई महत्वपूर्ण नेताओं के पार्टी से अलग हो जाने के कारण राज्य में पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए मोदी सीधे तौर पर कर्नाटक चुनाव प्रचार अभियान से नहीं जुड़ना चाहते.

इस तरह की अटकलों को शनिवार को और बल मिला जब मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा कि मोदी कर्नाटक के पांच जिलों में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे, जबकि राज्य में 30 जिले हैं. शेट्टार ने हालांकि उन पांच जिलों के नाम नहीं बताए.

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