नरेंद्र मोदी ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुंकार रैली में अपने जीवन के कुछ किस्से भी सुनाए. ये हैं वो पांच किस्से...
1. सीता मां का अपहरण हो गया था. वानरों को उन्हें खोजना था. जामवंत ने हनुमान की तरफ देखा और कहा कि का चुपि साध रहे बलवान, पवन तनय बल पवन समाना. फिर इस कथानक को जनता से जोड़ते हुए आह्वान किया कि हमेशा की तरह बिहार परिवर्तन की लहर को आगे बढ़ाए.
2. अपने अतीत का जिक्र करते हुए रेलवे के डिब्बों में चाय बेचने का जिक्र किया. कहा कि यहां रेल मंत्री हुए हैं, मगर रेल की मुझे ज्यादा समझ है. गरीबी की ज्यादा समझ है. बताया कि मैं रेल के डिब्बे में किसी तरह जगह बनाता था. टीटी को गार्ड को मनाता था. तब जाकर चाय बेच पाता था, पेट पालने के लिए.
3. लालू यादव का जिक्र किया. बताया कि वह मुझे हमेशा गाली देते रहते हैं. मगर जब मेरे मित्र राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि लालू जी का एक्सिडेंट हो गया है. मैंने उन्हें फोनकर हालचाल जाना. फिर मोदी ने कहा कि मैंने मीडिया को नहीं बताया. सोचा कहीं लालू जी को बुरा न लगे. मगर लालू प्रसाद यादव ने मीडियो को बुलाकर यह प्रसंग बताया.
4. बीती रात टीवी देखने का जिक्र किया और कहा कि मेरे कांग्रेसी मित्र परेशानी से भरकर शिकायत कर रहे थे कि यह नरेंद्र मोदी हमारे नेता (राहुल गांधी) को शहजादा क्यों कहते हैं. मोदी ने कहा कि मेरा जवाब यही है कि वंशवाद खत्म कर दो. मैं ये बोलना बंद कर दूंगा.
5. गुजरात में नीतीश की आमद का जिक्र किया. कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एक शादी में शामिल होने आए थे. मैंने उन्हें ढोकले खिलाए. गुजराती कढ़ी खिलाई. हर तरह से उन्हें तृप्त किया. मगर उन्होंने क्या किया, जब मैं यहां बीजेपी के अधिवेशन में हिस्सा लेने आया.फिर पीएम की मीट में नीतीश के खाना परोसे जाने के बावजूद दाएं बाएं झांकने का जिक्र किया क्योंकि उसी मेज पर मोदी भी थे. फिर मोदी ने बताया कि मैंने नीतीश से कहा, परेशान मत होइए. यहां कोई कैमरे वाला नहीं है.