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सोमनाथ-विश्वनाथ-केदारनाथ-पशुपतिनाथ हर जगह दिखी मोदी की शिवभक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. केदारनाथ यात्रा के दौरान पीएम यहां पर कई जीर्णोद्धार योजनाओं की शुरुआत करेंगे. 2013 में आई तबाही से संवारने के लिए पीएम केदारपुरी प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे.

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मोदी की शिव भक्ति
मोदी की शिव भक्ति

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. केदारनाथ यात्रा के दौरान पीएम यहां पर कई जीर्णोद्धार योजनाओं की शुरुआत करेंगे. 2013 में आई तबाही से संवारने के लिए पीएम केदारपुरी प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे. पीएम मोदी की शिव के प्रति आस्था समय-समय पर दिखती है.

पीएम का शिव साधना से पुराना नाता है. भक्ति की शक्ति को अच्छी तरह जानते हैं. इसीलिए जहां भी जाते हैं, वहां के मशहूर शिव मंदिर में जरूर जाते हैं. बल्कि उससे आगे इस साल तो कोयंबटूर में मोदी ने शिव की एक विशाल प्रतिमा का अनावरण किया. देश

दुनिया को ये भाव देने के लिए कि शिव सिर्फ भगवान ही नहीं एक आदियोगी भी हैं.

ऐसी ही एक कोशिश कोयंबटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाकर हुई।जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. आदियोगी शिव के रूप में बनाई गई इस मूर्ति को धर्मगुरू जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने बनवाया था. प्रधानमंत्री ने प्रतिमा का अनावरण करने के बाद दुनिया भर में चलने वाले महायोग यज्ञ का भी आगाज किया था. इस यज्ञ के माध्यम से समाज में भक्ति और योग की भावना को बढ़ाने की कोशिश हुई.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस गुजरात से वास्ता रखते हैं, जहां सोमनाथ हैं. उस वाराणसी से राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा, जहां बाबा विश्वनाथ का धाम है और प्रधानमंत्री बनने के बाद उस काठमांडु में पड़ोसी देश नेपाल से एक नया रिश्ता सुधारने पहुचे जहां पशुपतिनाथ का मंदिर है. शिव का हर धाम प्रधानमंत्री मोदी को अपनी तरफ खींच ही लेता है।

देश की बागडोर संभालने के बाद नेपाल से दोस्ती का नया फलसफा लिखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जब नेपाल पहुंचे तो उस यात्रा का एक अहम पड़ाव पशुपतिनाथ मंदिर तक पहुंचा. 2014 में सावन के आखिरी सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे.

भगवा कुरता, उसपर लाल अंगवस्त्रम, ललाट पर त्रिपुंड और गले में रुद्राक्ष की माला पहने प्रधानमंत्री मानो पूरी तरह शिवमय हो गए थे.

वहां उनको इतना आदर मिला कि उस जगह बिठाकर पूजा करायी गई जहां नेपाल के राजा बैठकर पूजा करते रहे हैं. नेपाल सरकार के दो दो मंत्री प्रधानमंत्री के स्वागत में डटे हुए थे. 150 पंडितों ने पूरी पूजा कराई और तब शिव भक्ति में प्रधानमंत्री इतने लीन हुए थे कि 50 मिनट तक अपनी सुध बुध ही नहीं रही.

गुजरात की राजनीति से निकलकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजनीति में अपने कदम रखे तो इसके लिए उनकी पहली मंजिल बनी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी. उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल मार्च में वाराणसी में थे तो बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे.

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अपनी व्यस्त राजनीतिक यात्राओं के बीच भी प्रधानमंत्री भगवान शिव के दरबार में हाजिरी लगाना कतई नहीं भूलते. इसी साल अप्रैल में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भुवनेश्वर गए तो वहां के प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में जाना नहीं भूले.

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