ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी को 2002 के दंगों के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. उन्होंने कहा, मोदी उस वक्त महज एक ‘पीठासीन अधिकारी’ थे, जो ‘अनगिनत जांचों’ में पाकसाफ साबित हो चुके हैं. एबोट ने आज तक के सहयोगी अंग्रेजी चैनल हेडलाइंस टुडे पर करण थापर को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मेरी समझ है कि इसको लेकर अनगिनत जांचें हो चुकी हैं और मोदी हमेशा पाकसाफ साबित हुए. निश्चित तौर पर मेरे लिए यही पर्याप्त है.’
इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वीकार करते हैं कि कभी-कभी जब भयावह चीजें होती हैं तो ‘हम’ (नेता) पीठासीन होते हैं. द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के मकसद से भारत दौरे पर आए एबोट ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी के दो बार के ऑस्ट्रेलिया दौरे को याद किया. एबोट ने कहा, ‘मोदी ऑस्ट्रेलिया में कुछ मित्रता की और उनके ऑस्ट्रेलिया में काफी प्रशंसक हैं. उनको लेकर और सरकार बदलने को लेकर पांच लाख भारतीय समुदाय में वहां काफी उत्साह है.’
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार और भारत की अर्थव्यवस्था में एक नई बयार लेकर आए हैं. भारत को ‘प्रथम श्रेणी का अंतरराष्ट्रीय नागरिक’ करार देते हुए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत के लिए उनका देश ऊर्जा का स्रोत बने. भारत-ऑस्ट्रेलिया परमाणु करार समझौते के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह हमारी सरकारों के बीच विश्वास का बहुत महत्वपूर्ण संकेत है. मैं भरोसेमंद साझीदारी और भारत को यूरेनियम बेचना चाहता हूं. इस समझौते के तहत यह हो सकता है. यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच के विश्वास का बड़ा संकेत है.’
यह पूछे जाने पर कि ऑस्ट्रेलिया भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता का समर्थन करता है, तो एबोट ने कहा कि यह सच्चाई है कि दोनों देशों ने परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया है, ‘जिसका मतलब यह है कि हम मानते हैं कि भारत प्रथम श्रेणी का अंतरराष्ट्रीय नागरिक है और इससे संबंधित सभी क्लबों का सदस्य बनने का हकदार है.’ उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को भरोसा है कि भारत ऑस्ट्रेलियाई यूरेनियम का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करेगा.
एबोट ने कहा कि वह चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया भारत को ऊर्जा सुरक्षा मुहैया कराने की स्थिति में हो, जिसकी आने वाले वर्षों और दशकों में भारत को जरूरत होगी. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ यूरेनियम ही नहीं, बल्कि निश्चित तौर पर कोयला में और शायद गैस में भी यह स्थिति होगी.’ पाकिस्तान के बारे में एबोट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया इस्लामाबाद के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है और ‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच बेहतर संबंध हों.’
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्वाचन के बाद पाकिस्तान तक पहुंचे हैं और उम्मीद करते हैं कि वहां सकारात्मक घटनाक्रम होंगे.’ अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के जाने के बाद अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर तालिबान के कब्जा कर लेने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर एबोट ने कहा कि ‘तालिबान की वापसी परेशान और भयभीत करने वाली होगी.’ उन्होंने स्वीकार किया, ‘यह हमारे क्षेत्र और अफगान जनता के लिए गंभीर खतरा होगा.’
इसके साथ ही एबोट ने कहा कि भविष्य में अफगानिस्तान में ऑस्ट्रेलिया की सैन्य नहीं, बल्कि सलाहकार की भूमिका में होगा. आईएसआईएस के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं इसे इस्लामिक स्टेट नहीं कहता, क्योंकि यह कोई देश नहीं है. यह भयावह विचार है.’ यह पूछे जाने पर कि अलकायदा ने भारत में जेहाद का एलान किया, जिसका मुद्दा मोदी के साथ वार्ता में उठेगा, तो एबोट ने कहा, ‘मुझे हैरानी होगी अगर इस तरह के सुरक्षा मुद्दे नहीं उठते हैं. ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच आतंकवाद विरोधी लड़ाई में अच्छा सहयोग है और मेरा मानना है कि आने वाले वर्षों में यह ज्यादा मजबूत होगा.’