स्वच्छ भारत मिशन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन साल पहले मैं अमेरिका में था, 1 अक्टूबर रात देर से आया और 2 अक्टूबर को झाड़ू लगाना शुरू कर दिया. उस समय मेरी काफी आलोचना की थी, 2 अक्टूबर छुट्टी का दिन होता है लेकिन छुट्टी खराब की थी. मेरा स्वभाव है कि मैं सबकुछ चुपचाप झेलता रहता हूं, धीरे-धीरे अपनी कैपेसिटी बढ़ा रहा हूं.
सभी के साथ आने से बनेगा स्वच्छ इंडिया
पीएम ने कहा कि महात्मा जी ने जो कहा वह गलत नहीं हो सकता है, इसलिए इस रास्ते को चुना. हर भारतीय को स्वच्छता पसंद है. पीएम ने कहा कि एक हजार महात्मा गांधी, 1 लाख मोदी भी मिलकर स्वच्छ भारत का सपना पूरा नहीं कर सकते हैं, जब तक जनता साथ नहीं जुड़ेगी तब तक यह पूरा होगा.
पीएम बोले कि पांच साल बाद जो गंदगी करेगा उसकी खबर बनेगी. अब ये मिशन किसी सरकार का नहीं है बल्कि पूरे देश का है. हमें स्वराज्य मिला, श्रेष्ठ भारत का मंत्र स्वच्छता है.
शहरों में स्वच्छ रहने की होड़
स्वच्छता की रैंकिंग के कारण राजनेताओं पर दबाव पैदा हो रहा है, इसके कारण शहरों में स्वच्छ रहने की रेस लग रही है. टॉयलेट बनाते हैं तो उपयोग नहीं होता है, ये खबरें बुरी नहीं हैं. लेकिन इससे सभी को सीखना चाहिए.
टॉयलेट में बंधी बकरियां
राजनीति में आने से पहले संगठन में रहकर भी सफाई के लिए काम किया, पैसा इक्ट्ठा कर गुजरात में एक गांव को गोद लिया था. और उसमें स्वच्छता की व्यवस्था करवाई. पूरे गांव में हमने टॉयलेट बनवाए थे, लेकिन बाद में जब मैं गया तो देखा वहां पर बकरियां बंधी हुई थी.
आवश्यकता के अनुसार स्कूल और टीचर हैं लेकिन फिर भी शिक्षा की स्थिति पीछे है. सिर्फ हाथ ना धोने से बच्चों को बीमारी हो जाती है. पीएम ने कहा कि मोदी को गाली देने के लिए हजार विषय हैं मैं आपको रोज कुछ ना कुछ देता हूं इसके लिए.
पुरुष कहीं भी खड़े हो जाते हैं पर महिलाएं खुले में शौच नहीं करती
पीएम बोले कि देश का मीडिया ने स्वच्छ भारत को आगे बढ़ाया है. अगर कोई बाहर से देश में आएगा तो वह ताजमहल देखेगा, लेकिन उसके आस-पास गंदगी दिखेगी. स्वच्छता के मिशन को महिला के नजरिए से देखना जरूरी है. पुरुष लोग तो कहीं भी चौराहा मिल जाए तो खड़े हो जाते हैं, लेकिन महिलाएं कभी भी खुले में शौच नहीं करती है. हम लोग स्वच्छता को सही रूप में समझ नहीं पा रहे हैं.
काम मांगने को बॉयोडाटा देते हैं लोग
जब से मैं पीएम बना हूं लोग मुझसे मिलते हैं और धीरे से मुझे अपना बॉयोडाटा पकड़ा देता हैं और बोलते हैं कि कुछ सेवा हो तो याद कीजिएगा. मैं उनसे कहता हूं कि स्वच्छता के लिए कुछ कीजिए, उसके बाद दिखाई नहीं पड़ते हैं. एक परिवार में स्वच्छता की जागरुकता ना होने से सालाना 50 हजार रुपए तक का खर्च बढ़ जाता है.
सभी राजनेता महापुरुषों की मूर्ति लगाने को झगड़ा करते हैं लेकिन सफाई कोई नहीं करता है. हर कोई कहता है कि मैं उनको मानता हूं तो उनकी मूर्ति लगनी चाहिए, लेकिन बाद में कबूतर मूर्ति पर क्या करते हैं सब जानते हैं.
PM Shri @narendramodi honouring the winners of the national film, painting and essay competitions at the celebration of the 3rd Anniversary of Swachh Bharat Mission. #SwachhataHiSeva pic.twitter.com/pvTaxZfXrb
— Swachh Bharat (@swachhbharat) October 2, 2017
Hon'bl PM @narendramodi arrives at the venue to inaugurate the celebration of #SwachhBharat Diwas - 3rd anniversary of the mission. pic.twitter.com/YxcvBnJWA0
— Swachh Bharat Urban (@SwachhBharatGov) October 2, 2017
इससे पहले पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू समेत कई हस्तियों ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर एक वीडियो भी जारी की.
गांधी जयंती पर बापू को शत्-शत् नमन! I bow to beloved Bapu on Gandhi Jayanti. His noble ideals motivate millions across the world. pic.twitter.com/NFUHMLVCxo
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2017
बता दें कि पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की है, इसके तहत सरकार का लक्ष्य महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को पूरे देश को स्वच्छ बनाने का है. यानी भारत सरकार का लक्ष्य 2019 तक का है. पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को इस मिशन की शुरुआत की थी.