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अरविंद केजरीवाल पर नरेंद्र मोदी के तीन वार, विजन-सादगी-अनुभव को बनाया हथियार

भारतीय जनता पार्टी अबतक कांग्रेस को ही लोकसभा या विधानसभा चुनावों में अपना प्रमुख विरोधी मानते आई है. अब तक नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में कांग्रेस के नेताओं और नीतियों पर ही सवाल खड़े करते आए हैं लेकिन रविवार को गोवा में पहली बार मोदी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को भी अपने विरोधी खेमे में शामिल कर लिया. शायद अब मोदी भी मान चुके हैं कि 2014 में मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

भारतीय जनता पार्टी अब तक कांग्रेस को ही लोकसभा या विधानसभा चुनावों में अपना प्रमुख विरोधी मानते आई है. अब तक नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में कांग्रेस के नेताओं और नीतियों पर ही सवाल खड़े करते आए हैं लेकिन रविवार को गोवा में पहली बार मोदी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को भी अपने विरोधी खेमे में शामिल कर लिया. शायद अब मोदी भी मान चुके हैं कि 2014 में मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है.

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अब सियासी कुरुक्षेत्र में तीसरा महारथी भी सामने खड़ा हो चुका है. नाम है अरविंद केजरीवाल. ओहदा है दिल्ली के मुख्यमंत्री का और पार्टी है आप यानी आम आदमी पार्टी.

गोवा में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली थी और इस रैली में पहली बार मोदी ने कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और पार्टी के सबसे बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल को अपने दीमागी और जुबानी रडार के दायरे में लिया.

देश को टेलीविजन की स्क्रीन पर चेहरा चाहिए या धरती पर विजन
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ने हर रोज ऐसा कुछ किया है जिससे वो खबरों की सुर्खियों में बरकरार हैं. शायद आप की वजह से मोदी को खबरों की दुनिया में अपनी घटती अहमियत का डर सताने लगा है. लिहाजा गोवी की रैली में ये सवाल सीधा देश की जनता के सामने दाग दिया. नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अब देश को तय करना है कि टेलीविजन पर दिखने से देश का भला होगा या फिर धरती पर विजन देखने से भला होगा. देश को टेलीविजन की स्क्रीन पर चेहरा चाहिए या धरती पर विजन चाहिए.'

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मीडिया वालों को दिल्ली के बाहर कुछ दिखता नहीं
केजरीवाल पर मोदी का हमला थोड़ा और सीधा और तीखा हुआ. इस बार निशाना बना केजरीवाल और उनकी सरकार की वो सादगी जिसे मुद्दा बनाकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में चुनाव लड़ा और मोदी ने हथियार बनाया. गोवा के ही मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की जीवनशैली को. उन्होंने कहा, 'कल्पना कीजिए गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अगर दिल्ली में होते तो क्या होता. सारे देश को पता चलता कि इतने पढ़े-लिखे इंसान में कितनी सादगी है. लेकिन क्या करें वह गोवा में हैं दिल्ली में नहीं. मीडिया वालों को दिल्ली के बाहर कुछ दिखता नहीं है.'

गोवा में मोदी के भाषण में इस बार कांग्रेस गौण हो गई थी और केजरीवाल अहम. शायद वजह देशभर में आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता भी हो सकती है. एक ताजा सर्वे में ये खुलासा हुआ है कि 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 50 से 60 सीटों पर विजय हासिल हो सकती है.

देश को आगे बढ़ाना है तो नई सोच चाहिए
ऐसे में केजरीवाल अगर किंग नहीं भी बनते हैं तो किंगमेकर जरूर बन जाएंगे. हालांकि मोदी ने तो गोवा में यही कहा कि अगर उन्हें जीत मिल भी जाती है तो क्या हुआ. सरकार चलाने और फैसलों के लिए अनुभव कहां से मिलेगा. उन्होंने कहा, 'देश को आगे बढ़ाना है तो नई सोच चाहिए. नए तरीके से फैसले चाहिए. अनुभव की कसौटी पर कसे हुए लोग चाहिए. तभी जाकर भारत का भाग्य बदल सकता है.'

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मीडिया में हमेशा हारा पर जनता के दिल में नहीं
हालांकि मोदी ने किसी हालिया सर्वे का जिक्र तो अपने भाषण में नहीं किया लेकिन केजरीवाल पर बाउंसर फेंकते हुए ये जरूर कहा कि जीत के लिए जगह जनता के दिलों में होनी चाहिए न कि अखबार के पन्ने या टीवी के स्क्रीन पर. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश में कई ऐसे नवरत्न है जो देश के लिए जीते हैं. मैं 12 साल से गुजरात की सेवा कर रहा हूं. टीवी की स्क्रीन पर और अखबार के पन्ने पर मैं हमेशा-हमेशा हारता रहा, कभी जीत नहीं पाया. न जगह बना पाया, न उनको जीत पाया. लेकिन जनता के दिलों से कभी हारा नहीं मैं.'

लोकसभा चुनाव 2014 को अबतक नमो और रागा के बीच मुकाबले के तौर पर ही देखा जा रहा था लेकिन अब इसमे आप की इंट्री से सत्ता के सिंहासन का मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है जिसका अहसास अब खुद मोदी को भी हो चुका है और मोदी को अब दोनों से दो-दो हाथ करने होंगे.

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