प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैसूर में 103वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वैज्ञानिकों से कहा कि सरकार देश में वैज्ञानिक शोध करना आसान बनाएगी, साथ ही उनसे इंजीनियरिंग और शोध के केंद्र में अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, उर्जा, संवेदना और निष्पक्षता के पांच सिद्धांतों को रखने को कहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे कहा कि सहकारी संघवाद की पहल के तहत वह केंद्र और राज्य की संस्थाओं और एजेंसियों के बीच वृहद वैज्ञानिक सामंजस्य को प्रोत्साहित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत में विज्ञान और शोध को आसान बनाएंगे । नवोन्मेष केवल विज्ञान के लक्ष्य के लिए नहीं होने चाहिए, नवोन्मेष वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से संचालित होना चाहिए.
मैसूर विश्वविद्यालय के ‘मनसा गंगोत्री’ परिसर में प्रधानमंत्री 500 से अधिक वैज्ञानिकों और देश विदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को संबोधित कर रहे थे. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों में वैश्विक स्तर पर भारत के आगे रहने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पांच ‘ई’ अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, उर्जा, संवेदना और निष्पक्षता को इंजीनियरिंग और शोध का केंद्र होने चाहिए. विज्ञान का प्रभाव सबसे अधिक तब होगा जब वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद इन पांच ‘ई’ के सिद्धांत का पालन करेंगे.
मोदी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि, रोजगार के अवसर और समृद्धि के लिए शहर महत्वपूर्ण इंजन है. हमें तेजी से बढ़ते शहरीकरण की चुनौतियों से निपटना होगा. यह सतत विश्व के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय पारिस्थितिकी और धरोहर को ध्यान में रखते हुए संवेदनशीलता के साथ योजना बनाकर शहरों का वैज्ञानिक रास्तों से विकास करना चाहिए.
पीएमओ के ट्विटर एकाउंट पर इस सत्र के बारे में हो रही वार्ता को टवीट किया गया.
We must develop better scientific tools to improve city planning with sensitivity to local ecology and heritage: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 3, 2016