केंद्र में मोदी सरकार बनने की पहली आहट सुनाई दी है. भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. मोदी 25 मई की शाम छह बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. बीजेपी राष्ट्रपति से 25 मई की सिफारिश करेगी. अगर संभव नहीं हुआ तो मोदी 28 मई को शपथ लेंगे. राजनाथ सिंह ने बताया कि कल बीजेपी संसदीय दल की बैठक होगी जिसमें मोदी को नेता चुना जाएगा. संसद के सेंट्रल हॉल में कल एनडीए की बैठक भी होगी.
मोदी सरकार में किसे कौन सा विभाग मिलेगा. इन सभी मुद्दों पर चर्चा चल रही है और अटकलें लगाई जा रही हैं. पूर्ण बहुमत के साथ आने वाले नरेन्द्र मोदी के साथ सबको संतुष्ट करने की मजबूरी नहीं है. लिहाजा वो अपना मंत्रिमंडल छोटा रखेंगे. वहां कोई मोल तोल नहीं होगा. मर्जी मोदी की चलेगी.
कैसी होगी मोदी की कैबिनेट?
देश के भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट कैसी होगी. अटकलों का बाजार गर्म है. नरेन्द्र मोदी के खास सिपहसालारों को कैबिनेट में जगह मिलना तय है. बहस इस बात पर भी गर्म है कि कैबिनेट का आकार कितना बड़ा होगा.
अनुभवी और बीजेपी के पुराने नेताओं को भी कैबिनेट में जगह मिलेगी. मोदी की कैबिनेट में उमा भारती को शामिल किया जा सकता है. राबड़ी देवी को हराने वाले राजीव प्रताप रूडी को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. स्मृति ईरानी को राहुल गांधी से टक्कर लेने का तोहफा मिल सकता है.
बताया जा रहा है कि मोदी की कैबिनेट में राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, अनंत कुमार, डॉ. हर्षवर्धन, धर्मेंद्र प्रधान और एसएस अहलूवालिया को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. वीके सिंह, स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी, पीयूष गोयल, सौरभ पटेल, अनुराग ठाकुर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, आर के सिंह, दीपक पारिख, सत्यपाल सिंह, बाबुल सुप्रियो और ई श्रीधरन को राज्यमंत्री का दर्जा मिल सकता है.
संगठन देखेंगे अमित शाह
मोदी के पुराने सहयोगी अमित शाह के संगठन से जुड़े रहने की संभावना ज्यादा है. खासकर उत्तर प्रदेश में उनके शानदार काम के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं.
लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे आडवाणी?
एक दिन पहले नरेन्द्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनकी चिन्ता दूर करने की कोशिश की थी. बताया जा रहा है कि आडवाणी लोकसभा स्पीकर बनना चाहते हैं लेकिन मोदी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
एक अरसे के बाद देश की राजनीति में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है. ये भी एक संयोग है कि बहुमत पाने वाली बीजेपी इकलौती ऐसी पार्टी है जिसने कांग्रेस के सिवा ये मुकाम हासिल किया है. ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ गई है कि नरेन्द्र मोदी निशंक सत्ता चलाएंगे.