कांग्रेस पर मोदी फोबिया किस कदर हावी है यह केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के उस बयान से एक बार फिर सामने आया है जिसमें उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा है कि मोदी 2014 के लोकसभा चुनावों में एक मुद्दा बनने वाले हैं और कांग्रेस को आगे बढ़कर चुनौती का सामना करना होगा.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री तिवारी अपनी पार्टी के मीडिया रणनीतिकारों को संबोधित कर रहे थे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि तिवारी ने संभवत: विभिन्न सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की. उनसे यह सवाल भी किया गया था कि आम चुनावों के लिए बीजेपी का चेहरा बने मोदी द्वारा पेश चुनौती से किस प्रकार निपटा जाए. तिवारी ने कहा कि उद्योग जगत टेलीविजन चैनलों का इस्तेमाल कर मोदी को पेश कर रहा है.
तिवारी का जोर इस बात पर था कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर चुनौती का सामना करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जोर धर्मनिरपेक्षता पर रहा है. तिवारी ने कहा कि प्रवक्ताओं को इस संबंध में अपनी बात कहने में संकोच नहीं करना चाहिए.
उन्होंने पार्टी जनों से कहा कि वे रणविजय की तरह काम करें न कि रणछोड़ की तरह. उन्होंने कठिन स्थिति में चुनौती का जमकर मुकाबला करने का आह्वान किया.
तिवारी ने 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों का उदाहरण दिया जब कांग्रेस को चार सीटें ही मिली थीं और उन्हें 20 से भी ज्यादा न्यूज चैनलों पर सवालों का सामना करना पड़ा था.
यह पूछे जाने पर कि 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर बीजेपी के हमलों का मुकाबला किस प्रकार किया जाएगा, मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस नेतृत्व ने कई बार इस 'निंदनीय' घटना को लेकर माफी मांगी है. समझा जाता है कि तिवारी ने कहा, 'लेकिन 2002 के गुजरात दंगों को लेकर आपने उनकी ओर से कोई माफी नहीं सुनी होगी.' दो दिवसीय सत्र में राहुल गांधी ने पार्टीजनों के जवाब में एकरूपता और पार्टी लाइन का अनुसरण किए जाने पर जोर दिया.