गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इतिहास ज्ञान पर एक बार फिर सवाल उठे हैं. इस बार मोदी ने शहीद भगत सिंह को अंडमान द्वीप के जेल भेज दिया. एक अंग्रेजी अखबार में यह खबर छपी है.
गौर करने वाली बात है कि भगत सिंह और उनके साथियों को दिल्ली व आसपास इलाके स्थित जेलों में रखा गया था. 1929 में दिल्ली एसेंबली में गिरफ्तार किए जाने के बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को सबसे पहले दिल्ली जेल में रखा गया. इसके बाद उन्हें मियांवली के जेल शिफ्ट कर दिया गया था. मार्च 1931 में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर की जेल में फांसी दे दी गई थी.
दरअसल, मोदी से ये गलती बुधवार को गांधीनगर में ई-नगर प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह में हुई. वे इंडिया 2022: आजादी के 75 साल पर अपनी बात रख रहे थे. मोदी ने अपने भाषण में आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने अंडमान जेल में बंद रहे थे.
मोदी ने कहा, 'भगत सिंह और उनके साथियों का जिक्र होते ही हमारे रौंगटे खड़े हो जाते हैं. इन लोगों को फांसी क्यों दी गई? इन्होंने अंडमान-निकोबार द्वीप पर समय क्यों बिताया. जिस आजादी के लिए वे लड़े वो 75 साल के बाद फलेगा.'