अगले लोकसभा चुनाव अब कुछ ही महीने दूर हैं. इसका असर स्वतंत्रता दिवस के जश्न पर भी दिख रहा है. इसकी गूंज दिल्ली के लाल किला से लेकर भुज के लालन कॉलेज तक सुनाई दी.
नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चुनौती दी थी कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग दो भाषण सुनेंगे और फिर उसकी तुलना होगी. हुआ भी कुछ ऐसा ही, पहले पीएम ने लाल किला की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इसके कुछ देर बाद ही मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से पीएम के भाषण की धज्जियां उड़ाई.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यूपीए की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि अभी कुछ ही फासला तय किया है पर मंजिल बहुत दूर है. वहीं, मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन पूरी तरह से राजनीतिक था. जिसमें भ्रष्टाचार, गरीबी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर पीएम और कांग्रेस पार्टी पर सीधा हमला बोला गया.
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री का भाषण 35 मिनट का था तो मोदी का भाषण करीबन 55 मिनट तक चला. पीएम के भाषण में एक जिम्मेदार पद पर बैठे शख्स की झलक थी तो मोदी के भाषण में भावी पीएम की ललक थी.
पाकिस्तान और अन्य पडो़सी मुल्क
मनमोहन सिंहः पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश देते हुए पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि संबंध सुधारने के लिए पड़ोसी देश से हो रही भारत विरोधी गतिविधियां बंद करनी होंगी, साथ ही जोर देकर कहा कि नियंत्रण रेखा पर हाल ही में जवानों की हत्या जैसी कायराना हरकत को रोकने के लिए सभी कदम उठाये जाएंगे. पीएम ने अपने भाषण में चीनी घुसपैठ का कोई जिक्र नहीं किया.
नरेंद्र मोदीः पीएम ने भले कड़े शब्दों में पाकिस्तान की निंदा की हो पर गुजरात के मुख्यमंत्री ने इसे नाकाफी करार दिया. उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए प्रधानमंत्री के स्तर की भाषा क्या होनी चाहिए, मैं समझता हूं. लेकिन सेना का हौसला बुलंद हो इसके लिए देश पीएम से थोड़ी कड़ी भाषा की अपेक्षा करता है. देश की सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लाल किला सर्वोत्तम स्थान है. मोदी ने ये भी सवाल उठाया कि चीनी घुसपैठ को लेकर पीएम क्यों कुछ नहीं बोलते हैं.
फूड बिल पर भी सियासत
मनमोहन सिंहः फूड सिक्योरिटी बिल अब संसद के सामने है और हमें उम्मीद है यह जल्द ही पास हो जाएगा. इस कानून का फायदा हमारे गांवों की 75 प्रतिशत और शहरों की आधी आबादी को पहुंचेगा. इसके तहत 81 करोड़ भारतीयों को 3 रुपये प्रति किलो चावल, 2 रुपये प्रति किलो गेहूं और 1 रुपये प्रति किलो मोटा अनाज मिल पाएगा. यह दुनिया भर में इस तरह का सबसे बड़ा प्रयास है.
नरेंद्र मोदीः जिस खाद्य सुरक्षा बिल का दम पीएम भर रहे हैं, इसमें नया क्या है? पहले से कई राज्यों में गरीबों को 3 रुपये प्रति किलो चावल मिल रहा है. सच्चाई तो यह है कि यह बिल गरीबों की थाली से अनाज छीनने का काम करेगी. पहले गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को महीने में 35 किलो अनाज मिलता था पर अब उन्हें सिर्फ 25 किलो अनाज मिलेगा.
उत्तराखंड त्रासदी पर भी आमने-सामने
मनमोहन सिंहः पीएम ने लाल किले की प्राचीर से उत्तराखंड की जनता को भरोसा दिया कि मुश्किल की इस घडी में पूरा देश उनके साथ है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार जल्द से जल्द लोगों के उजड़े हुए घर दोबारा बसाने और बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे को फिर से बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम कर रही है.’
नरेंद्र मोदीः गुजरात के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री पर उत्तराखंड तबाही में अन्य राज्यों द्वारा किए गए सहयोग का जिक्र करने ना करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, आप लाल किले से देश को संबोधित कर रहे हैं. पर उत्तराखंड त्रासदी में की गई मदद के लिए देश की जनता को श्रेय नहीं देते हैं. सभी राज्यों ने अपने क्षमता के अनुसार उत्तराखंड की मदद की. पर उनके लिए आप एक शब्द नहीं बोलते हो.
सांप्रदायिकता और अल्पसंख्यक सश्क्तिकरण
मनमोहन सिंहः तंग और सांप्रदायिक ख्याल लोकतंत्र और देश को कमजोर करेंगे और ऐसे ख्यालों को पनपने से रोकना चाहिए. एक आधुनिक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती. ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है. हमें इसे रोकना होगा.
नरेंद्र मोदीः गुजरात के मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्षता को लेकर कुछ भी नहीं कहा. पर अपनी पुरानी बात को दोहराया कि राजनेता का एक मात्र धर्म देश होता है और देश का संविधान उसके लिए धार्मिक ग्रंथ.