केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का बजट घटा दिया है. खुद मोदी के शुरू किए हुए 'स्वच्छ भारत अभियान' के बजट में 2015-16 वित्त वर्ष के लिए 635 करोड़ रुपये की कटौती की गई है.
वहीं आंगनवाड़ी में बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की समेकित बाल विकास योजना (ICDS) के बजट में 9858 करोड़ रुपये की भारी कटौती कर दी गई है. यह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की महत्वाकांक्षी योजना मानी जाती थी. अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने यह खबर दी है.
मोदी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना का बजट भी 8,390 करोड़ घटा दिया है. सर्व शिक्षा अभियान के बजट में भारी कटौती करते हुए सिर्फ 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है. पिछले साल इसके लिए 9,193.75 करोड़ का बजट रखा गया था.
इन योजनाओं के बजट में कटौती से कांग्रेस को बीजेपी पर प्रहार करने का मौका मिल गया है. इनमें लगभग सभी योजनाओं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास या वंचित तबकों के उत्थान के लिए हैं. कर्नाटक के खाद्य मामलों के राज्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने कहा, 'इनमें से ज्यादातर योजनाएं जारी हैं. केंद्र सरकार अचानक ऐसी योजनाओं का बजट कैसे काट सकती है? या इन्हें खत्म कैसे कर सकती है?'